नई दिल्ली। उत्तर रेलवे ने यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों की मदद के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल-3 पर एक विशेष रेलवे आरक्षण काउंटर बनाया है. यूक्रेन से वापस लौटे छात्र यहां से सीधे कन्फर्म टिकट बुक सकते हैं. उत्तर और पश्चिमी मध्य रेलवे ने यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों की मदद के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट टर्मिनल-3 और मुंबई एयरपोर्ट पर ये विशेष रेल आरक्षण काउंटर बनाए हैं. यहां से यात्री सीधे अपने गृह राज्य का टिकट ले सकते हैं. इन काउंटरों से छात्रों को बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के कंफर्म टिकट उपलब्ध होगी.
दरअसल यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध के कारण बिगड़े हालातों की गंभीरता को देखते हुए भारतीय छात्रों को वहां से जल्द से जल्द निकालने का प्रयास किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने वहां फंसे छात्रों को देश में वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है. इसके अंतर्गत अलग-अलग विमानों के जरिए छात्रों और भारतीय नागरिकों को वहां से वापस लाया जा रहा है. दरअसल यूक्रेन और रूस जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, असम, उत्तराखंड, राजस्थान समेत पूरे भारत से छात्र जाते हैं, ऐसे में करीब 20,000 छात्र इन हालातों के बीच में यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिसमें से करीब 14,000 छात्रों को लाया जा चुका है.
इसी बीच रेलवे ने भी भारत लौटे छात्रों की मदद की पहल की है. दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर एक विशेष रेल आरक्षण काउंटर बनाया गया है. एयरपोर्ट पर बने इस रेल आरक्षण काउंटर से अलग-अलग राज्यों की ओर से कन्फर्म रेलवे टिकट छात्रों को उपलब्ध कराई जा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर भारत लौटे छात्रों का हौसला और मनोबल बढ़ाने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी पहुंचे थे. उन्होंने छात्रों से मुलाकात भी की थी. इस दौरान अपने बच्चों के सकुशल भारत लौटने पर उनके परिवारों ने केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय का शुक्रिया भी अदा किया.
इसे लेकर उत्तर रेलवे की ओर से यह जानकारी दी गई कि यूक्रेन से सकुशल भारत लौटे सभी छात्रों को यह सुविधा दी जा रही है. उनके लिए एयरपोर्ट पर ही रेलवे आरक्षण सुविधा काउंटर शुरू किया गया है, जहां से छात्र टिकट ले सकते हैं. भारतीय रेलवे इन छात्रों को लेकर खुद निगरानी रख रहा है. एयरपोर्ट पर इन छात्रों को अपने राज्यों तक पहुंचने के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े, इसके लिए ये सुविधा शुरू की गई है.
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