रायपुर 28 फरवरी । लोन दिलाने के नाम पर वसूली और धोखाधड़ी के दर्जनों मामले सामने आते है पर धोखाधड़ी का अनूठा मामला सामने आया है जिसमे फाइनेंस कंपनी संचालक ने एक युवक को लोन दिलाने के बहाने उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया और उससे करोडो का अवैध लेनदेन कर दिया।
पुलिस मे हुई शिकायत के अनुसार रावतपुरा कालोनी निवासी मोहन नायडू पेशे से जिम ट्रेनर है, उसने जिम खोलने फाइनेंस कंपनी संचालक अमन अग्रवाल से लोन की आवश्कयता बताई। सिग्नेचर होम निवासी अमन अग्रवाल ने लोन के लिए उससे पैन कार्ड, आधार, बैंक अकाउंट सहित अन्य गोपनीय जानकारी और दस्तावेज लिया। अमन ने लोन के लिए जीएसटी जरुरी बताते हुए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया और यूज़र आई डी पासवर्ड अपने अकॉउंटेंट का डाला। युवक के दस्तावेजों के बाद भी उसकी पत्नी के दस्तावेज मांगे, ऐसे में युवक को आशंका हुई तो उसने लोन लेने से इंकार करते हुए अपने दस्तावेज मांगे।
8 करोड़ का ट्रांजेक्शन
शिकायत के अनुसार एमी फाइनेंस कंपनी संचालक अमन अग्रवाल ने उसके जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया और मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और कार्यालयीन पता अपने अकॉउंटेंट पियूष झाबक का दिया,, जिससे ओटीपी पियूष के मोबाइल नंबर पर आती रही। जिससे पीड़ित को लेनदेन की जानकारी नहीं हुई। अगस्त में रजिस्ट्रेशन में हुए जीएसटी नंबर में नवम्बर तक सिर्फ चार महीनो में ही 8 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया, जिसमे 1 करोड़ 46 लाख रुपये का अब पीड़ित मोहन नायडू के नाम पर 1 करोड़ 46 लाख रुपये टैक्सेशन बकाया दिख रहा है। दिसंबर में युवक को जीएसटी रजिस्ट्रेशन को बंद कराने जीएसटी ऑफिस पहुंचने पर करोडो के लेनदेन की जानकारी हुई तो पैरो तले जमीं खिसक गया।
गड़बड़ी को स्वीकारा
दस्तावेजों के दुरूपयोग और जीएसटी अवैध लेनदेन की मोहन नायडू द्वारा पुलिस में शिकायत करने की बात कहने पर अमन अग्रवाल और उसके अकॉउंटेंट पियूष झाबक ने पुलिस में शिकायत नहीं करने आग्रह किया। दोनों ने कहा कि “मसला बैठकर सुलझा लेते है, लेनदेन में आपका नाम नहीं आएगा और उस पर कोई लाइबिलिटी भी नहीं आयेगी।”
टिकरापारा टीआई संजीव मिश्र ने कहा कि “शिकायत पर जांच की गई, मामला जीएसटी विभाग से होने के चकते जीएसटी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है.. सारे तथ्यों को देखने के बाद कार्यवाही की जाएगी।”