रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जंग जारी है. वहीं तनावपूर्ण हालातों (Russia-Ukraine Crisis) में अलग-अलग राज्यों में करीब 18 हजार छात्र फंसे हैं, जिसमें से करीब 500 से अधिक को भारत लाया जा चुका है. यूक्रेन में फंसे राजस्थान (Rajasthan) के छात्रों की वतन वापसी को लेकर राजस्थान सरकार एक्शन मोड में आ गई है.
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने देश वापस लौट रहे छात्रों के रुकने और उन्हें सुरक्षित घर तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था करने के बाद अब पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है. गहलोत ने यूक्रेन में फंसे देश और प्रदेश के विद्यार्थियों की शीघ्र एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि युद्धग्रस्त देश में फंसे छात्रों (rajasthani studetns in ukraine) की शीघ्र वापसी के लिए भारत सरकार अविलंब यूक्रेन सरकार से संपर्क करे ताकि उन्हें पोलैंड (Poland), रोमानिया (Romania) और हंगरी के रास्ते से वापस घर लाया जा सके.
राजस्थान के 140 छात्र लौटे घर
वहीं राजस्थान के छात्रों का घर लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक राजस्थान के फंसे 140 छात्रों को राजस्थान वापस लाया जा चुका है. वहीं 450 छात्रों की सूची राजस्थान फाउंडेशन ने विदेश मंत्रालय को सौंपी है. बताया जा रहा है कि यूक्रेन में अभी भी करीब 2 हजार 650 से अधिक राजस्थानी छात्र और नागरिक फंसे हैं जो कीव, खारकीव और यूक्रेन बॉर्डर के इलाकों में हैं. प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद राजस्थान फाउंडेशन की तरफ से छात्रों को वापस लाया जा रहा है.
राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान सरकार यूक्रेन में मौजूद छात्रों के लगातार सम्पर्क में है. वहीं सरकार ने भारत सरकार से विशेष विमानों का प्रबंध करने का भी निवेदन किया है. वहीं गहलोत ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि, कल शाम को फोन पर बात होने के बाद यूक्रेन के कीव में भारतीय दूतावास के डिफेंस अटैची कोमोडोर संजय देशमुख ने वहां फंसे विद्यार्थियों से मुलाकात की, उन्होंने अवगत करवाया कि युद्ध के कारण परिवहन व्यवस्था बिगड़ी हुई है इसलिए इन विद्यार्थियों को निकालने में अतिरिक्त समय लग रहा है.
नहीं मिल पा रहा है सुरक्षित मार्ग
वहीं सीएम गहलोत ने रविवार को यूक्रेन के कीव एवं खारकीव में फंसे हुए छात्रों से वीडियो कॉल पर बात कर ताजा हालातों का जायजा लिया. गहलोत ने लिखा कि मेडिकल छात्रा डॉ. श्रद्धा ने वहां की विकट परिस्थितियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मैंने इन सभी बच्चों की हौसला अफजाई कर जल्दी सकुशल अपने वतन वापसी की उम्मीद जताई.
वहीं अपने पत्र में गहलोत ने लिखा है कि यूक्रेन से एक साथ निकलने के लिए भारतीय छात्रों को रोमानिया और पोलैंड से सुरक्षित मार्ग नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को यूक्रेन में रह रहे छात्रों एवं उनके परिजनों के माध्यम से सूचना मिल रही है कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र रोमानिया की सीमा पर एकत्र हैं लेकिन उन्हें वहां से आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिल पा रहा है.
गहलोत ने पत्र में प्रधानमंत्री से निवेदन किया कि रोमानिया की सीमा पर फंसे छात्रों को भीषण ठंड का भी सामना करना पड़ा रहा है और उनके अभिभावक यहां तनाव से गुजर रहे हैं, ऐसे में छात्रों की सुरक्षित वापसी जल्दी सुनिश्चित की जाए. बता दें कि सीएम गहलोत ने एक पत्र विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी लिखा है.
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