घर के छत में बैठा था विशालकाय नाग, आधी रात डायल 112 के तत्पर्ता से टली बड़ी अनहोनी

कोरबा, 26 फरवरी (वेदांत समाचार)।ठंड के मौसम में जमीन में रेंगने वाले जहरीले सांप बिलों में घुस कर आराम करते हैं जिसे हाइबरनेशन (शीतनिष्क्रियता) कहा जाता हैं अब ठंड खत्म होते ही गर्मी मौसम आते ही वो पुनः अपने बिलों से बाहर निकलने लगे हैं और अपने भोजन के तलाश में इंसानी रहवास में प्रवेश करने लगें हैं जिससे सर्प दंश की घंटना बढ़ने लगती हैं लम्बे समय के बाद कोरबा मुख्यालय में 10 से 12 किलामीटर दूर कुदुरमाल गांव में सुधीर यादव के यहां रात क़रीब 12.30 उस समय अफरा तफरी मच गई जब वो पूरा परिवार सोने के लिए कमरे में बिस्तर लगाने लगा तभी कच्ची मिट्ठी के मचान से फनकार की आवाज़ सुनाई दी, जिससे दहशत में पूरा परिवार घर के बाहर भाग खड़ा हुआ आस पास के लोगों को जगाया गया पर घर के अन्दर प्रवेश करने की हिम्मत किसी की नहीं हुई,

जिसके उपरांत घर वालों ने डायल 112 को इसकी सुचना दी, जिसपर 112 के आरक्षक घनश्याम कंवर ने इवेंट आते ही कोरबा के रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष जितेंद्र सारथी को इसकी जानकारी दी गई, जिस पर जितेंद्र सारथी बिना देरी किए रेस्क्यू के लिए निकल पड़े आधे रास्ते में इंतजार कर रहे डायल 112 में बैठ कर गांव के लिए रवाना हो गए, मौके पर पहुंचने पर सभी को रेस्क्यू होने तक बाहर ही रहने को कहा तब तक जेहरिला नाग घर के कमरे से निकल कर एक किनारे आकर बैठ गया था, जिसे बड़ी सावधनी से बाहर निकाला गया, और थैला में रखा गया तब जाकर घर वालों के साथ आस पास के लोगों ने राहत की सांस ली, फिर सभी ने डायल 112 और जितेंद्र सारथी का धन्यवाद किया, जितेंद्र सारथी ने सभी आम जनों से अपील किया है की इस जब भी आप सभी के घर कोई साप घुस आए उसे मारे नहीं बल्की 8817534455 में जानकारी देवे या फिर 112 को मदद ले, अब पहले की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में भी लोग सापो को नहीं मारते बल्की रेस्क्यू टीम को जानकारी देते हैं जो की ये दर्शाता है कि की अब लोग जागरूक हो रहें हैं।

कोरबा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कुछ दिन पूर्व ही जिले के समस्त 112 के अरक्षको और चालको की मीटिंग लेकर सभी को पूरी निष्ठा और तत्परता से काम करते रहने को कहा था जिसका परिणाम आज इवेंट मिलते ही घटना स्थल में पहुंच कर लोगों की मदद मिलती हैं। जितेंद्र सारथी ने बताया किसी व्यक्ति के घर जब कोई जेहरीला साप घुस जाता हैं तब घर वाले बहुत डर जाते हैं और जाने अनजाने सर्प दंश का शिकार हो जाते हैं, इसलिए हमारा कर्तव्य है लोगों की जान बचाना साथ ही उन बेजुबान जीवों की जान बचाना।