मुख्यमंत्री ने 357 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन

बिलासपुर 26 फ़रवरी (वेदांत समाचार)।  मुख्यमंत्री ने 25 फरवरी को कहा कि अरपा बिलासपुर की जीवनदायिनी नदी है। राजगीत का पहला शब्द भी अरपा से शुरू होता है। इसको बचाने के लिए सभी लोगों और संस्थाओं के साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। नदी के जल को शुद्व रखने और इसके सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया जायेगा। धन की कमी आड़े नहीं आयेगी।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को  बिलासपुर के शास्त्री स्कूल मैदान में 353 करोड़ से ज्यादा के 97 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन के बाद आयोजित सभा को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संसदीय सचिव रश्मि सिंह, सांसद अरूण साव, विधायक शैलेश पाण्डेय, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, छग पर्यटन मण्डल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, निगम सभापति शेख नजीरूद्दीन विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि की आसंदी से मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद बिलासपुर में हवाई सेवा की शुरूआत हुई है। फिलहाल केवल दिन में दो-तीन स्थानों के लिए फ्लाईट सुविधा उपलब्ध है। इसका विस्तार करने की जरूरत है। लेकिन बगल में सेना की जमीन होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई है। अनुमति मिलने के बाद जरूरी सुविधाएं विकसित करके रात में भी उड़ान भरने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बिलासपुर के लोकसभा सांसद को इस काम में मदद करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रायपुर के बाद दूसरा बड़ा शहर बिलासपुर है। न्यायधानी एवं संस्कारधानी का दर्जा इसे प्राप्त है। सबके सहयोग एवं साथ लेकर शहर को सुन्दर बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए पुराने स्कूल बंद नहीं किये जाएंगे। पुराने स्कूल भी चलते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो कक्षाएं दो पारी में चलाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा अगले 5 बरस में 5 लाख लोगों को नौकरी दिया जायेगा। इसके लिए कार्य-योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि चालू सीजन में किसानों से 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। इससे किसानों को 20 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। संपूर्ण भारत में छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है जो कि ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को 6 हजार रूपये प्रति साल के हिसाब से मदद करने का निर्णय लिया है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन न्याय योजना के अंतर्गत उन्हें शामिल करके प्रथम किश्त की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारे गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा हो रही है। केन्द्र सरकार भी इसी तर्ज पर योजना चलाने पर विचार कर रही है। गौठानों पर हमारी ग्रामीण महिलाएं दीया, पेण्ट, गमला, गौकाष्ठ आदि घरेलू सामान बनाकर आमदनी अर्जित कर रही हैं। हमारी महिलाएं इन गौठानों में बिजली पैदा करने का उद्यम कर रही है। बड़ी बिजली कम्पनियों जैसे कठिन काम कर रही हैं। इनका वे स्वयं उपयोग करने के साथ इसे बेचकर आमदनी बना रही हैं।

समारोह को नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरूण साव, विधायक शैलेश पाण्डेय और महापौर रामशरण यादव ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने प्रतिवेदन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले तीन साल में हुए जिले की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं भावी कार्य-योजना पर प्रकाश डाला। तीन बरस की विकास उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी इस अवसर पर प्रदर्शित की गई। संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने आभार प्रकट किये। बिलासपुर के कमिश्नर डॉ संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, एसपी पारूल माथुर सहित निगम के पार्षद, पंचायत प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

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