कुसमुण्डा खदान में हुआ बड़ा हादसा : डम्पर पर गिरा कोयले का बड़ा टुकड़ा, ऑपरेटर की हालत गंभीर

मनीष महंत


कोरबा/कुसमुंडा, 25 फरवरी (वेदांत समाचार)। खदान एक फिर चर्चा में है, मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरुवाऱ की देर रात नारायणी फेस में एक दुखद हादसा हो गया है,यंहा कोल डिस्पेंच में लगी डंफर कोयला लोडिंग के लिए खदान के नीचे नारायणी कोल फेस पहुंची हुई थी, डंफर को कुसमुंडा खदान की नियोजित कंपनी वोल्टास के द्वारा प्रशिक्षित निजी चालक द्वारा चलाया जा रहा था, चालक कोयला लोड के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, लोडिंग में समय लगने की वजह से वह स्टेरिंग सीट से निकलकर केबिन के गैलरी में जाकर खड़ा हो गया, इसी दौरान कोयले का एक विशालकाय टुकड़ा डंपर के केबिन के ऊपर आ गिरा, जिसकी चपेट में डंफर का केबिन और चालक भी आ गया,जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गया,इस हादसे में दुःखद पहलु यह रहा की घायल कई घंटो तक केबिन में पड़ा रहा किसी खदान के अधिकारी या कर्मचारी को घटना की तुरन्त जानकारी नहीं हुई, काफी देर बाद लगभग 6 बजे सुबह कुछ कर्मचारियों द्वारा वंहा पंहुचने पर इस घटना की जानकारी हुई, ड्राइवर केबिन में फंसा हुआ था उसका काफी सारा खून बह चूका था, कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारियों को सुचना दी गयी, आनन-फानन में घायल चालक को कोरबा अस्पताल ले जाया गया है।गंभीर रूप से घायल चालक का नाम रामजाने मध्य प्रदेश निवासी बताया जा रहा है, सिर पर चोट लगने की वजह से उसे कोरबा के एक निजी अस्पताल के ICU में रखकर उसका इलाज किया जा रहा है, जंहा उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है l


इस हादसे में जहां एक ओर जंहा कुसमुंडा प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है वहीं दूसरी ओर खदान में नियोजित ठेका कंपनी वोल्टास कंपनी की भी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर कोयले की लोडिंग हो रही थी वहां कोयले की दिवाल काफी ऊँची थी, जिससे कोयला ऊंचाई से सीधे डंफर पर आ गिरा, जबकि खान सुरक्षा महानिदेशालय के द्वारा निर्धारित मानक अनुरुप खदान में खोदे जा रहे कोयले एवं मिट्टी की दीवार (high Wall) नहीं है। यह काफी ऊँची है, जिस वजह से यह हादसा हुआ है। बात करें कुसमुंडा खदान में नियोजित वोल्टास कंपनी की तो इनके द्वारा निजी कर्मियों को प्रशिक्षण देकर डंफर चलवाना है, परन्तु प्रशिक्षण के नाम पर निजी कंपनी के ऑपरेटरो द्वारा उत्पादन का कार्य लिया जा रहा है, दो दिन में जिसे स्टेयरिंग घूमाना आ गया उसे करोड़ो रूपये के डंफर थमा कर खदान में उतार दिया जा रहा है, जिस वजह से आये दिन इस तरह की दुर्घटनाये हो रही है, इन दुर्घटनाओ में ना सिर्फ ऑपरेटर घायल हो रहे हैँ बल्कि प्रबंधन को भी लाखो करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा है।