न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरी वनडे सीरीज (India vs New Zealand) में भारतीय बल्लेबाजी संघर्ष करती हुई दिखाई दी. कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) को छोड़कर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाया. उन्होंने हर मैच में अहम भूमिका निभाई थी. वह इस सीरीज में भारत के लिए सबसे रन बनाने वाली बल्लेबाज रहीं. मिताली ने अपने इस प्रदर्शन से उन लोगों को जवाब दिया जो उनके फॉर्म पर सवाल खड़ा कर रहे थे. पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंजुम चोपड़ा (Anjum Chopra) का मानना है कि मिताली राज खुद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलती हैं और उन्हें वह करना चाहिए जो टीम को जीत दिलाए.
वर्ल्ड कप के लिए न्यूजीलैंड रवाना होने से पहले मिताली राज से उनके स्ट्राइक रेट को लेकर सवाल किया गया था. तब भारतीय कप्तान ने यह कहकर पत्रकार की बोलती बंद की थी कि वह अपने स्ट्राइक रेट के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलती हैं. खेलते वक्त वह सिर्फ यह सोचती हैं कि टीम इंडिया को जीत कैसे दिलाई जाए. ऐसे में उनके लिए यह अहम है नहीं है कि उनका स्ट्राइक रेट ज्यादा है यह कम. अंजुम चोपड़ा ने मिताली को सलाह देते हुए कहा कि वही करें जिससे टीम को जीत मिले
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मिताली को टीम के लिए खेलना होगा
न्यूजीलैंड के खिलाफ जब सीरीज में कोई बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं सका तब एक छोर से मिताली राज ही सब भारत की पारी को संभालने में लगी हुई थी. उन्होंने पांच मैचों में भारत के लिए सबसे ज्यादा 235 रन बनाए जिसमें तीन अर्धशतक भी शामिल थे. पांचवें वनडे में वह अंत तक टिकी रही और टीम को जीत दिलाई. पूर्व भारतीय कप्तान अंजुम चोपड़ा को मानना है कि मिताली को टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करने की जरूरत है चाहे वह स्ट्राइक रेट बढ़ाने से हो या कम करने से. उन्होंने टीवी9 से बातचीत में कहा, ‘मिताली राज को वही करना चाहिए जो टीम इंडिया को जीत दिलाए. अगर जिस स्ट्राइक रेट से वह खेलती है उससे टीम को जीत मिलती है तो बेहतर है. जैसे आज वह आखिर तक खड़ी रहीं और टीम को जीत दिलाई. हालांकि अगर उनके स्ट्राइक बेहतर करने से टीम का स्कोर 270 से 300 जा सकता है तो वह भी करना चाहिए. मिताली काफी अनुभवी है वह अपने हिसाब है गियर बदल सकती है.
देश के लिए 127 वनडे खेल चुकी इस दिग्गज ने आगे कहा, ‘टीम का प्रदर्शन हर मैच के साथ बेहतर होता जा रहा है. टीम रन बनाने के मामले में भी काफी बेहतर हो गई है. पहले वह 210-230 बनाती अब 270 बना रही हैं. लेकिन अगर 270 चेज हो जा रहे हैं तो आपको 300 की ओर बढ़ना होगा. अब समय आ गया है कि गेंदबाज 300 को डिफेंड करे. मैच का स्तर और ऊंचा होगा. किस खिलाड़ी को क्या सूट करता है यह अलग बात है लेकिन टीम को क्या सूट करता है यह अहम है.’
मिताली और झूलन को खुद से काफी उम्मीदें
मिताली राज और साथ ही झूलन गोस्वामी के लिए इसे आखिरी वर्ल्ड कप माना जा रहा है. और अंजुम चोपड़ा को लगता है कि दोनों दिग्गजों को खुद से काफी उम्मीदें होगी. उन्होंने कहा, ‘मिताली राज और झूलन खुद से काफी उम्मीदें रख रही होंगी. दोनों लंबे समय से टीम इंडिया का हिस्सा हैं और 200 से ज्यादा वनडे खेल चुकी हैं. किसी और टीम में अनुभव नहीं है. वह दोनों चाहते हैं जो प्यार और सम्मान उन्हें फैंस से मिला है और उनकी जो उम्मीदें हैं उस पर खरी उतरे.
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