लालू प्रसाद की कम नहीं हो रही है मुश्किलें, डोरंडा मामले में सजा के बाद अब ईडी करेगी संपत्ति की जांच, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. लालू प्रसाद को चारा घोटाला (Fodder scam) के पांचवे मामले, डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उनपर कोर्ट ने 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अभी वह इस मामले मे हाईकोर्ट से जमानत के लिए अपील भी नहीं कर पाए हैं. इससे पहले ही सीबीआई ने देवघर ट्रेजरी मामले में दोषी लालू प्रसाद को मिले साढे तीन साल की सजा को बढाने के लिए हाईकोर्ट मे याचिका दायर की है. इसके साथ ही लालू प्रसाद पर अब प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी का भी शिकंजा कसेगा. लालू और दूसरे अभियुक्त के खिलाफ डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के केस को भी ईडी टेकओवर करने जा रही है.

बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद समेत सभी 75 अभियुक्त और उस केस के आरोपी रहे वैसे लोग जिनकी मृत्यु हो गई है उनके खिलाफ भी ईडी म दर्ज कर नए सिरे से उनकी संपत्ति की जांच करेगी.

दोषी पाए जाने के बाद संपत्ति जब्त होगी

दरअसल 139 करोड़ के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी लालू प्रसाद समेत 75 लोगों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को इस संबंध में निर्देश दिया था कि सभी दोषी और वैसे अभियुक्त जिनकी पूर्व में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है, उनके विरुद्ध भी मनी लौंड्रिंग अधिनियम में अनुसंधान किया जा सकता है. साथ ही ईडी कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति को भी जब्त कर सकता है.

दुमका मामले में भी कोर्ट ने दिया है आदेश

इससे पहले भी चारा घोटाला के तीन मामलों में अदालत ने ईडी को जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में ईडी ने केस टेकओवर कर जांच शुरू किया. यहां लालू प्रसाद उन 19 अभियुक्तों में शामिल हैं, जिनपर दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोपों की पुष्टि के बाद सजा हुई थी. तब अदालत ने उक्त केस के उन 13 मृत अभियुक्तों के खिलाफ भी मनी लौंडिंग अधिनियम में अनुसंधान का निर्देश दिया था साथ ही कोर्ट ने साल 1990 के बाद अर्जित संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था.