रूस द्वारा यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण की संभावना को देखते हुए भारत ने मंगलवार को एक बार फिर यूक्रेन (Ukraine Crisis) में मौजूद भारतीय छात्रों को अपनी सुरक्षा के हित में यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. पिछले एक हफ्ते में यह तीसरी ऐसी एडवाइजरी है, जिसमें भारतीयों से यूक्रेन छोड़ने को कहा गया है. यह कदम पूर्वी यूक्रेन में मास्को समर्थित अलग-अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मान्यता देने और इन क्षेत्रों में रूसी सैनिकों को भेजने के उनके आदेश के बाद उठाया गया है. भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट किए गए एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘छात्रों को उनकी सुरक्षा के हित में, विश्वविद्यालयों से आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा करने के बजाय अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है.’
भारतीय दूतावास ने कहा कि यूक्रेन में मेडिकल यूनिवर्सिटीज द्वारा ऑनलाइन क्लासेस को लेकर बड़ी संख्या में कॉल आए थे. दूतावास ने कहा कि वह भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों के साथ जुड़ा हुआ है.
यूक्रेन में स्थिति को लेकर चिंता बढ़ने के बाद दूतावास 15 फरवरी से अब तक तीन बार परामर्श जारी कर चुका है. रविवार को, भारत ने अपने नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों और अन्य लोगों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी, जबकि सरकार ने दूतावास के अधिकारियों के परिवारों को बाहर निकालने का फैसला किया था.
जरूरी नहीं तो छोड़ दें देश
इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक, भारतीय अधिकारी अभी भी वहां मौजूद हैं और दूतावास के कामकाज भी जारी हैं. भारत पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक ताजा परामर्श जारी कर भारतीय नागरिकों से कहा था कि यदि उनका प्रवास जरूरी नहीं है तो वे अस्थायी रूप से देश छोड़ दें. यूक्रेन संकट को लेकर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से जुड़े देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है.
दूतावास ने कहा, ‘यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव और अनिश्चितताओं को देखते हुए सभी भारतीय नागरिक, जिनका प्रवास आवश्यक नहीं है, और सभी भारतीय विद्यार्थियों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है.’ दूतावास ने कहा कि यूक्रेन से ‘व्यवस्थित ढंग से और समय से प्रस्थान करने’ के लिए उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानें, और चार्टर उड़ानें ली जा सकती हैं.
उसने कहा, ‘भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे चार्टर उड़ानों संबंधी सूचना के लिए संबंधित अनुबंधकर्ताओं से भी संपर्क करें और किसी भी अद्यतन जानकारी के लिए ई एंबेसी फेसबुक, वेबसाइट और ट्विटर पर दी जा रही सूचनाओं को देखते रहें.’ वर्ष 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार यूक्रेन में सीमित संख्या में प्रवासी भारतीयों की मौजूदगी थी और उस देश में लगभग 18,000 भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे थे.
अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन की सीमा के निकट सैनिकों के जमावड़े के लिए रूस की आलोचना कर रहे हैं. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंकाओं के बीच अमेरिका अपने सहयोगियों की मदद करने के लिए पहले ही यूरोप में अतिरिक्त सैनिक भेज चुका है.
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