यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की परीक्षा में हर साल देशभर के लाखों छात्र भाग लेते हैं. देश के सबसे बड़ी परीक्षा में कुछ ही छात्रों को सफलता मिल पाती है. किसी भी परीक्षा की तैयारी आपके सफलता को तय करता है. कई छात्रों की कहानी ऐसी होती है जो किसी न किसी के लिए प्रेरणा बन जाती है. वाराणसी की अपराजिता शर्मा (Topper Aprajita Sharma) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. आइए जानते हैं अपराजिता शर्मा के यूपीएससी सफर के बारे में.
एक इंटरव्यू में अपराजिता ने बताया कि जब वह छोटी थीं तो उनके नाना अक्सर कहा करते थे कि अपराजिता एक दिन अफसर बनेंगी. अपराजिता बनारस की रहने वाली हैं. परिवार में पिता रिटायर्ड आईआरएस ऑफिसर हैं तो उनकी माता एक प्रोफेसर हैं. अपराजिता ने प्रारंभिक शिक्षा भी बनारस से प्राप्त की है.
स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने रांची के बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी ज्वॉइन कर ली. इस दौरान उन्होंने जबलपुर और मुंबई जैसे जगहों पर रहने का अवसर भी मिला.
नौकरी के दौरान ही सिविल सेवा परीक्षा देना का मन बना लिया. फिर वो दिन भी आ गया कि उन्होंने अचानक से अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और देश की सबसे कठिन परीक्षा क्रैक करने की तैयारी में जुट गईं.
यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए अपराजिता ने तीन प्रयास दिए. पहले दो प्रयासों में वह असफल रही थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वह कठिन परिश्रम और लगन के साथ पढ़ाई करती रहीं. आखिरकार वो दिन आ ही गया जब उन्हें इस मेहनत का फल उन्हें मिला. अपराजिता ने साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा के अपने तीसरे प्रयास में 40वीं रैंक प्राप्त की.
अपराजिता कहती हैं कि, यूपीएससी के पैटर्न को समझने के लिए सबसे पहले सिलेबस को अच्छी तरह से पढ़ लें. स्मार्ट हार्ड वर्क के साथ पढ़ाई करें तो इस परीक्षा को क्रैक करना मुश्किल नहीं है. लोग कई बार सिलेबस को सही तरीके से समझ नहीं पाते है. ऐसे में समय को ध्यान में रखते हुए सभी टॉपिक को पढ़ें.
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