एक थप्पड़ के बदले ले ली जान! फावड़े से पत्नी की हत्या कर जला दी लाश, जानें कैसे हुआ मामले का खुलासा?

सूरजपुर, 21 फरवरी (वेदांत समाचार)। जिले में एक खौफनाक घटना सामने आयी है. यहां पति ने पत्नी पर फावड़े से वारकर हत्या कर दी. फिर रात के वक्त चुपके से लाश को घर के बाड़ी में ले जाकर जला दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब मृतका का बेटा अपनी नानी के घर से वापस लौट कर आया. बेटे ने पिता से पूछा कि मां कहां है? तो पिता ने कहा कि हत्या कर शव को बाड़ी में जला दिया. मां के बारे में ऐसी बात सुनकर बेटा गांव के सरपंच के पास पहुंचा और पूरी बात बताई. घटना खड़गवां चौकी क्षेत्र के धरमपुर गांव की है. 

सरपंच ने पुलिस को दी सूचना

19 फरवरी को ग्राम धरमपुर सरपंच द्वारा खड़गवां पुलिस को मोबाइल से सूचना मिली कि गांव का ज्ञान प्रकाश मराबी उसके पास आया और बताया कि वह अपने नाना-नानी के घर से आज ही आया है. अपने घर में उसकी मां नहीं मिली तो पिता बाबुलाल मराबी से पूछने पर बताया कि 3-4 दिन पहले इसकी मां सावित्री उर्फ सुमित्रा को फावड़े से मारकर हत्या कर दी है और उसके शव को घर के सामने बाड़ी में जला दिया है.

जानें आरोपी ने पुलिस के सामने क्या दिया बयान?

मामले की सूचना पर सूरजपुर एसपी राजेश अग्रवाल ने खड़गवां चौकी प्रभारी सीपी तिवारी को एफएसएल की टीम के साथ घटनास्थल पहुंचकर सबूत जुटाने व आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश देते हुए ट्रेनी आईपीएस संदीप कुमार पटेल व एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह को घटलास्थल के लिए रवाना किया. तब घटनास्थल पर पहुंची चौकी खड़गवां की पुलिस ने आरोपी बाबुलाल मरावी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी को उसके गांव से हिरासत में लिया गया. पूछताछ में उसने हत्या करना स्वीकार किया. 

पूजा करते समय पत्नी से हुआ था विवाद

आरोपी ने बताया कि मंगलवार को सुबह पूजा करते समय पत्नी से झगड़ा होने पर पत्नी ने एक झापड़ मार दिया जिससे अपमानित होने वआवेश में आकर फावड़ा से पत्नी के गर्दन में मारकर हत्या कर दिया और रात होने पर घर के खेत बाड़ी में शव ले जाकर जला दिया.  आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त फावड़ा व आलाजरब जप्त कर उसे गिरफ्तार किया गया. 

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी प्रतापपुर किशोर केंवट, चौकी प्रभारी खड़गवां सी.पी.तिवारी, एफएसएल अधिकारी कुलदीप कुजूर, प्रधान आरक्षक शरद सिंह, इन्द्रजीत सिंह, भुवनेश्वर केरकेट्टा, आरक्षक प्रमोद गुप्ता, राकेश सिरदार, चंदेश्वर राजवाड़े, श्याम सिंह, भगत सिंह नेताम, अनिल नायर, चंदर साय राजवाड़े व बंधूराम सारथी सक्रिय रहे. 

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