तीन फर्जी आयुर्वेद डाक्टर पकड़ाए, दुर्ग, गंडई और मुंगेली से सामने आए मामले

रायपुर20 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। प्रदेश के निजी चिकित्सा सेवाओं में फर्जी डाक्टरों की घुसपैठ से निपटना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौति बन गया है। जहां बिना लाइसेंस के अस्पताल और फर्जी डाक्टर पकड़ में आने के बाद भी खड़ल्ले से अवैध अस्पताल व क्लीनिक चला रहे हैं।

बिना डिग्री के चिकित्सा पेशा

ऐसे ही मामले में राज्य आयुर्वेद चिकित्सा बोर्ड ने दुर्ग, बोरसी के गोविंद राम चंद्राकर, राजनांदगांव जिले के गंडई के अजय कुमार जंघेल व मुंगेली में प्रैक्टिस कर रहे फर्जी डाक्टरों पर कार्रवाई की है। अधिकारियों ने बताया कि तीनों आरोपितों के पास बीएएमएस (बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) की फर्जी डिग्री पाई गई। यानी उन्होंने कभी डाक्टरी की पढ़ाई ही नहीं की। और सालों से प्राइवेट क्लीनिक संचालित कर प्रैक्टिस कर रहे हैं।

उच्च स्तरीय टीम कर रही है जांच

मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बिठाई गई है, जल्द ही पुलिस कार्रवाई की जाएगी। कहा जा रहा है कि राज्य के प्राइवेट अस्पतालों व क्लीनिकों की जांच की जाए तो कई फर्जी बीएएमएस डिग्रीधारी झोलाझाप पकड़ में आएंगे। बता दें नईदुनिया द्वारा 10 अगस्त 2021 से लगातार खबर प्रकाशित कर फर्जी डाक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो।

राजधानी में 652 अस्पताल बिना लाइसेंस के

सीएमएचओ डा. मीरा बघेल ने बताया कि रायपुर में 652 निजी अस्पताल व क्लीनिक बिना लाइसेंस के अवैध संचालित हो रहे हैं। इसे लेकर नोटिस तो भेजा गया है, लेकिन इनके तरफ से लाइसेंस लेने अब तक पहल नहीं की गई है। विभाग अब इनपर 20-20 हजार रुपये जुर्माना व अस्पताल सील करने की बात कह रहा है। कहा जा रहा है कि कई अस्पतालों द्वारा कार्रवाई रूकवाने राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाया जा रहा है। वहीं निरीक्षण करने वाले कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों के सांठ-गांठ से अस्पताल कार्रवाई से बचे हुए हैं। बता दें प्रदेश में 1000 से अधिक अस्पताल व क्लीनिक बिना लाइसेंस संचालित हैं।

राज्य में पंजीकृत आयुष डाक्टर पर एक नजर

4394 आयुर्वेद से अधिक आयुर्वेद डाक्टर

2283 से अधिक होम्योपैथी चिकित्सक पंजीकृत

254 यूनानी पद्धति के चिकित्सक

126 से अधिक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के

कार्रवाई की जा रही है

फजी आयुर्वेद डिग्री से प्रैक्टिस कर रहे तीन डाक्टर पकड़ में आए हैं। इनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर कार्रवाई की जा रही है। इनके क्लीनिक संचालन को लेकर पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सूचना देंगे। इनके लाइसेंस कैंसल कर क्लीनिक सील करेंगे और कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत पुलिस कार्रवाई होगी।