यूक्रेन में युद्ध (Ukraine Russia Conflict) के बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने बड़ा दावा किया है. अमेरिकी जासूसों को जानकारी मिली है कि रूस यूक्रेन पर कब्जे के बाद वहां रह रहे रूस विरोधी नेताओं को निशाना बनाने के लिए योजना तैयार कर रहा है. रूस के निशाने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के खिलाफ भ्रष्टाचार के विरोध में मुहीम चलाने वाले कार्यकर्ता, निर्वासन में रह रहे बेलारूस और रूस के विद्रोही भी शामिल हैं. रूस (Russia) या तो इन लोगों की हत्या करेगा या इन्हें गिरफ्तार करेगा. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा बढ़ गया है और ऐसा आने वाले दिनों या हफ्तों में हो सकता है.
अमेरिकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी के अनुसार, अमेरिकी खुफिया जानकारी से परिचित चार लोगों ने बताया कि रूस ने यूक्रेन की राजनीतिक हस्तियों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों की सूची का मसौदा तैयार किया है, जिन्हें या तो गिरफ्तार किया जाएगा या फिर उनकी हत्या की जाएगी. पांचवें व्यक्ति यानी एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर कहा कि अमेरिका कोशिश कर रहा है कि इस तरह की जरूरी जानकारी यूक्रेन के भीतर मौजूद विशिष्ट समूहों तक ना पहुंचे और इसी जानकारी को यूक्रेन के सरकारी अधिकारियों और अन्य पार्टनर के साथ मदद के लिए साझा किया जाएगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के प्रवक्ता ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है.
अतीत में भी रूस ने चलाए घातक ऑपरेशन
पहचान ना बताने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘जैसा कि हमने अतीत में देखा है, हमें लगता है कि रूस डराने-धमकाने और दमन के जरिए देशों के सहयोग को प्रभावित करने की कोशिश करेगा.’ रूस पहले भी अपने ऑपरेशंस के तहत टार्गेट किलिंग करता रहा है, वो लोगों को किडनैप करता है या जबरन गायब कर देता है, उन्हें हिरासत में रखता है और लोगों को यातनाएं देता है. खासतौर पर उन लोगों को निशाना बनाया जाता है, तो रूसी कार्रवाई का विरोध करते हैं. इन लोगों में रूस और बेलारूस के असंतुष्ट शामिल हैं, जो यूक्रेन में रह रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि रूस पत्रकार, भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं, धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों और LGBTQI+ लोगों को निशाना बनाता है.
लिस्ट पर अमेरिका ने जताई हैरानी
अमेरिका ने इस लिस्ट को लेकर हैरानी जताई है, क्योंकि इसमें उन सभी लोगों को शामिल किया गया है, जो रूसी एजेंडा का विरोध करते हैं. फाइव आईज इंटेलिजेंस पार्टनर्स ने रूसी खुफिया एजेंसियों जैसे एफएसबी और जीआरयू को भी ट्रैक किया है. एक अधिकारी ने कहा कि रूस और बेलारूस ने सरकार से असंतुष्ट रहने वाले लोगों पर साल 2020 में बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी. जिसके चलते ये लोग भागकर अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन आ गए. यूक्रेनी नागरिकों के विपरीत, इन लोगों को यूरोप के अन्य देशों की यात्रा करने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है. बता दें रूस ने यूक्रेन से लगी सीमाओं पर एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात कर दिया है. अमेरिका सहित दूसरे पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है.
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