प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के औद्योगिक शहर इंदौर (Indore) को बायो गैस के प्लांट का तोहफा दिया. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर में शहरी गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने के लिए एशिया के सबसे बड़े गोबर-धन प्लांट का उद्घाटन किया. वहीं अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि इंदौर जिले का नाम आते ही स्वच्छता मन में आती है. उन्होंने इंदौर के लोगों की जमकर तारीफ की औऱ कहा कि इंदौर के लोग जितने अच्छे हैं, उन्होंने इंदौर को उतना ही अच्छा बनाया है जितना वे हैं.
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल से देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ की ओर ले जाने में मदद मिलेगी. हाल ही में “कचरा मुक्त शहर” बनाने के लिए देश में स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का शुभारंभ किया गया है और इस मिशन के तहत “अपशिष्ट से धन” बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस प्लांट में प्रतिदिन 550 टन गीले जैविक कचरे को अलग करने की क्षमता है और इससे प्रति दिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन प्रति दिन जैविक खाद का उत्पादन होने की उम्मीद की जा रही है.
इंदौर नगर निगम ने प्लांट को किया है शुरू
जानकारी के मुताबिक बायो प्लांट जीरो-लैंडफिल मॉडल पर आधारित है और इस परियोजना से कई फायदे मिलने की उम्मीद की जा रही है. बताया जा रहा है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ ग्रीन एनर्जी इस प्लांट के शुरू होने से मिलेगी. इस परियोजना को लागू करने के लिए इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को बनाया गया है और इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) ने इसका गठन किया गया है.
इंदौर नगर निगम खरीदेगा 50 फीसदी गैस
जानकारी के मुताबिक प्लांट में बनने वाली गैस को इंदौर नगर निगम संयंत्र खरीदेगा. निगम प्लांट में बनने वाली सीएनजी गैस का न्यूनतम 50 फीसदी गैस खरीदेगा और जिले में सीएनजी पर आधारित 400 सिटी बसें चलाएगा. वहीं प्लांट से बचने वाली गैस को भी खुले बाजार में बेचा जाएगा. जबकि जैविक खाद कृषि और बागवानी उद्देश्यों के लिए रासायनिक उर्वरकों को बदलने में मदद करेगी.
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