महाराष्ट्र के दिग्गज बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया था और दावा किया था कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) और उनकी मैनेजर दिशा सालियन (Disha Salian) ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या की गई. इसके बाद आज (19 फरवरी, शनिवार) उसका खुलासा करने के लिए उन्होंने साढ़े ग्यारह बजे सुबह मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अपनी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस दावे को दोहराया और कुछ सबूत भी गिनाए. नारायण राणे ने कहा, “8 जून को दिशा सालियन की बलात्कार कर हत्या की गई. वो पार्टी जाने से मना कर रही थी. फिर भी उसे जबर्दस्ती बुलाया गया. फिर सामूहिक रूप से बलात्कार कर हत्या की गई. बिल्डिंग में आने-जाने वाले लोगों के एंट्री दर्ज करने वाले रजिस्टर के 8 जून से जुड़े पन्ने किसने फाड़े? सात महीने हो गए दिशा सालियन की पोस्टमार्टन रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आई? दिशा सालियन की हत्या के सबूत किसने नष्ट किए? पुलिस फोर्स उस पार्टी में मौजूद थी. किसके प्रोटेक्शन में वहां थे? यह बात बाहर नहीं आ रही है, क्यों?
आगे नारायण राणे ने कहा, “सुशांत सिंह दिशा सालियन की हत्या के सारे राज जानते थे. वे इसका खुलासा करने वाले थे. उन्होंने कहा था कि वे किसी को छोड़ने वाले नहीं है. इसलिए उनकी हत्या की गई. एक लाल बत्ती की गाड़ी आई थी, मंत्री की गाड़ी थी. सुशांत को चार लोगों ने पकड़ कर मारा. किसी खास व्यक्ति से संबंधित एंबुलेंस ही क्यों बुलाई गई? उन्हें हॉस्पिटल लेकर कौन गया? बिल्डिंग का सीसीटीवी फुटेज 13 जून को गायब हो गया? वारदात वाली रात सीसीटीवी फुटेज कैसे खराब हो गया था? सुशांत सिंह का दोस्त रॉय था, कहां गायब हो गया? सुशांत के घर में सावंत नाम का नौकर काम करता था, कहां गया, गायब हो गया? दिशा सालियन की बिल्डिंग का वॉचमैन कहां गया, गायब हो गया? हत्याओं की सूची बहुत लंबी है. रमेश मोरे की हत्या किसने की? जयंत जाधव की हत्या किसने की? मर्डर केस कोई नहीं पचा सकता है. हमें और गहराई में जाने के लिए मजबूर ना करें. पूंछ पर पैर रखने पर मैं सहन करने वाला नहीं हूं.
‘पूंछ पर पैर रखने पर सहन नहीं करूंगा’
नारायण राणे के मुंबई के जुहू स्थित घर के अवेध निर्माण के मामले को लेकर बीएमसी की ओर से नोटिस आया है. शुक्रवार को बीएमसी के कुछ अधिकारी इस बिल्डिंग की पड़ताल करने पहुंचे थे. इसके बाद ही नारायण राणे ने तुरंत धमाकेदार ट्वीट किया था और कहा था कि ‘मातोश्री’ (सीएम उद्धव ठाकरे का निजी निवास) के चारों के खिलाफ ईडी का नोटिस तैयार है. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर नारायण राणे ने कहा, ‘मुंबई के जुहू स्थित घर में मैं 17 सितंबर 2009 में आया. मशहूर आर्किटेक्ट ने इस इमारत का डिजाइन तैयार किया. हमारा आर्किटेक्ट और मातोश्री का आर्किटेक्ट एक ही है. नगरपालिका की अनुमति लेकर ही, नियमों का पालन करते हुए इमारत का निर्माण हुआ. यह पूरी तरह से रेसिडेशियल इमारत है. यहां कोई होटल या अन्य व्यापार नहीं चलता है. सौ फीसदी नियमों का पालन होते हुए भी यहां मातोश्री (सीएम उद्धव ठाकरे का निजी निवास) की ओर से और शिवसेना की ओर लगातार शिकायतें की जाती रहीं. बार-बार नगरपालिका के अधिकारी आते रहे, जांच करते रहे. कुछ भी अवैध कंस्ट्रक्शन नहीं पाया गया.’
‘मातोश्री’ के अवैध निर्माण को रेगुलराइज करवाया गया’
नारायण राणे ने कहा, “नियम से बाहर जाकर मैंने अपने घर में एक ईंच भी निर्माण नहीं किया. सिंधुदुर्ग के प्रदीप भालेकर नाम के शख्स बार-बार शिकायत करते रहे. मैंने साहेब (दिवंगत बालासाहेब ठाकरे) को बता कर यहां घर बनाना शुरू किया था. उन्होंने अच्छा कहा था. मैं किसी के घर के बारे में कुछ नहीं कहता. अगर कहना चाहूं तो कह सकता हूं कि ‘मातोश्री’ में भी अवैध निर्माण कर एक्सटेंशन किया गया. मातोश्री- 2 (एक्सटेंशन पार्ट) के निर्माण को लेकर मैंने कभी कुछ कहा क्या? जब बीजेपी-शिवसेना की सरकार थी तब पैसे भर कर मातोश्री के उस निर्माण को रेगुलराइज किया गया. उनका दोनों बिल्डिंग प्लान मेरे पास है. मातोश्री वालों का गुनाह छगन भुजबल की तरह का गुनाह है. जिस वजह से उन्हें जेल हुई थी, उसी तरह इनको भी सजा मिल सकती है.”
‘सीएम को बीमारी से ठीक होने में दो महीने से अधिक लगते हैं, कोई और होता तो इस्तीफा देता’
नारायण राणे ने सीएम उद्धव ठाकरे के लगातार अस्वस्थ रहने और सार्वजनिक सभाओं में भाग नहीं लेने के मुद्दे पर कहा, “महाराष्ट्र में ऐसी राजनीति कभी नहीं हुई कि मुख्यमंत्री को बीमारी से ठीक होने में दो-दो महीने लगे. कोई दूसरा होता तो इस्तीफा दे दिया होता. मैं किसी की बीमारी पर कुछ नहीं बोलना चाहता लेकिन यह कैसे मुख्यमंत्री हैं जो सभाओं में नहीं जाते, कार्यालय में नहीं जाते, कैबिनेट मीटिंग में नहीं जाते, मंत्रालय नहीं जाते. आज मराठी लोगों को मुंबई छोड़ कर बाहर जाना पड़ रहा है. और ये 19 बंगले बना रहे हैं. वे 19 बंगले जमीन पर आज नहीं हैं, लेकिन कागज पर तो रजिस्ट्रेशन है ना. राज्य में डेढ़ लाख लोग कोरोना से मर गए, इन्हें कोई अफसोस नहीं. ”
म्याऊं-म्याऊं बोलने पर क्यों एतराज है, मुझे पता नहीं
कुछ दिनों पहले जब शीतकालीन अधिवेशन चल रहा था तब विधान भवन के बाहर सीढ़ियों पर बैठ कर नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे ने बिल्ली की आवाज निकाली थी. इस पर विवाद हुआ था. आरोप था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के बेटे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को चिढ़ाया है. इस पर बोलते हुए नारायण राणे ने कहा, “म्याऊं-म्याऊं कहने पर नितेश राणे को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. म्याऊं-म्याऊं कौन है, मुझे पता नहीं. शिवसेना के लोग तो खुद को बाघ कहते हैं ना? बाघ कब चला गया, बिल्ली कब आ गई? मुझे पता नहीं. बल्कि मुझे तो इस बाद की खुशी है कि मेरा बेटा अच्छा कलाकार है जो बिल्ली की आवाज निकाल लेता है. मेरा बेटा आजकल ऐक्टिंग सीख रहा है. विधानभवन के बाहर म्याऊं-म्याऊं की आवाज निकाला तो क्या गलत किया? उनको (आदित्य ठाकरे) क्यों बुरा लगा? उनको ऐसा क्यों लगता है कि उनकी नकल उतार रहे हैं नितेश राणे.”
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