सत्य पर बल देना ही इतिहास का सही आंकलन है
कोरबा 19 फरवरी (वेदांत समाचार)। शुक्रवार को कमला नेहरू महाविद्यालय के इतिहास विभाग के तत्वावधान में सामाजिक विज्ञान में शोध की प्रविधियां व शोध का महत्व विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया. वेबिनार में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय नागपुर एवं मगध विश्वविद्यालय बोध गया बिहार के इतिहास विशेषज्ञों ने अनेक महत्वपूर्ण बातों पर विस्तार से मार्गदर्शन प्रदान किया. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में इतिहास अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष प्रो. आभा रुपेंद्र पाल बिब्लियोग्राफी पर विस्तार से व्याख्यान्न दिया. विभिन्न प्रकार के स्त्रोत का किस प्रकार से वर्णन करना है, इस पर गूंढ़ जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संदर्भ व संदर्भ ग्रंथ सूची, दोनों अलग-अलग हैं, जिन पर विस्तृत व महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने प्रदान की. मगध विश्वविद्यालय बोध गया से बेबिनार में शामिल हुए में इतिहास विभाग के प्रो. मुकेश कुमार ने वस्तुनिष्ठता एवं विषयनिष्ठता पर व्याख्यान्न दिए. उन्होंने कहा कि एक ही विषय पर भिन्न-भिन्न विचारधारा हो सकती है,
पर सत्य तथ्य की ओर निष्ठा होनी चाहिए. सत्य पर बल देना ही इतिहास का सही आंकलन है. इतिहासकार को निष्पक्ष होना चाहिए, उन्होंने बताया कि पुनर्लेखन और पुनर्व्याख्या इतिहास लेखन में आवश्यक है. अंग्रेजों ने ट्रांसफर आॅफ पावर किया है और हम इसी के कारण वर्तमान स्थिति में पहुंचे हैं. आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. शुभा जोहरी ने कहा कि इतिहास में संशोधन एक तपस्या है. उन्होंने अपने व्याख्यान्न में शोध की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए बताया कि शोध के लिए विषय का चुनाव किस प्रकार से किया जाना चाहिए. पाठ्य सामग्री की उपलब्धता, उसकी सुगमता का ध्यान रखना, शोध कार्य का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाए, इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक एवं हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डा अर्चना सिंह, भूगोल विभागाध्यक्ष अजय मिश्रा, वायके तिवारी, डा अब्दुल सत्तार, कंप्यूटर साइंस की विभागाध्यक्ष डा बीना बिस्वास, तकनीकी सहयोग के लिए आशुतोष शर्मा एवं रूपेश मिश्रा, ललिता साहू, कुमकुम गुलहरे, दुर्गा चंद्राकर, अंजू मधुकर, प्रीति जायसवाल, आदिलक्ष्मी तिवारी, गायत्री चंद्रा, श्रद्धा दुबे, विवेक अग्रवाल, कुणालदास गुप्ता समेत अन्य प्राध्यापक व विद्यार्थी शामिल रहे.
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युवा जानें आजादी के नायकों की अमर गाथा
वेबिनार कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केएन कॉलेज के प्राचार्य डा प्रशांत बोपापुरकर ने बताया कि विशेषकर युवाओं को देश के स्वर्णिम इतिहास और आजादी के नायकों की अमर गाथा के बारे में बताना अमृत महोत्सव एक प्रमुख उद्देश्य है. इसके माध्यम से भागीदारी को प्रोत्साहित करना है, ताकि वास्तविक जन भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने बताया कि केएन कॉलेज की ओर से इस दिशा में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सतत सक्रिय भागीदारी प्रदान की जा रही है. संस्थान इस योजना के तहत कार्यान्वित करने के लिए सदैव तत्पर है और इसी परिप्रेक्ष्य में वेबिनार का आयोजन किया गया. अंत में उन्होंने अतिथि वक्ताओं का आभार व्यक्त किया.
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वेबिनार की संयोजिका एवं इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डा सुशीला कुजूर ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत 12 मार्च 2021 को गुजराज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. उन्होंने उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि स्वाधीनता संग्राम के वीर सैनानियों की ऊर्जा को हम अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह पूर्व यह आयोजन शुरू किया गया. प्रयास किया जा रहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसे महत्वपूर्ण बनाया जाए.
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