उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) के जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) के छात्रों ने गुरुवार रात को अपने हॉस्टल की खिड़कियों से जैकेट और पुराने कपड़े जलाकर फेंकने लगे. दरअसल छात्र विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की स्थिति और अन्य अव्यवस्थाओं से काफी नाराज हैं. इसी नाराजगी के चलते छात्रों ने कल हॉस्टल (Student Hostel) का ताला बंद कर दिया और दूसरी मंजिल पर चले गए. सभी छात्र रात आठ बजे से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हो रहे थे. जिस के बाद वो भूख हड़ताल पर बैठ गए. स्कूल के शिक्षक और तहसील प्रशासन के लोग मान-मनौव्वल करने पहुंचे तो छात्रों ने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी.
घटना की जानकारी पर तहसीलदार कैंपियरगंज, पीपीगंज थाने की फोर्स समेत अगल-बगल की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई पर छात्रों की ओर से पत्थरबाजी के चलते कोई भी हॉस्टल के नजदीक नहीं गया. लाउडस्पीकर के जरिए तहसीलदार छात्रों से बात करने की कोशिश करते रहे पर छात्र नहीं माने. वे डीएम और एसडीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे. जिस के बाद सीनियर छात्र करीब आठ बजे अचानक हॉस्टल का ताला बंद कर दूसरी मंजिल पर जाने लगे.
छात्रों ने शिक्षकों पर बरसाए पत्थर
जानकारी होने पर जब स्कूल के शिक्षक वहां पहुंचे और उन्होंने ताला खुलवाने की कोशिश की तो छात्रों ने उनके ऊपर पत्थर चलाना शुरू कर दिये और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद स्कूल की प्रधानाचार्या कैम्पियरगंज के तहसीलदार विकास सिंह और एसएसटी टीम में शामिल अधिकारियों के साथ ही पीपीगंज पुलिस और बीईओ अमितेश कुमार को सूचना दी गई. सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने भी छात्रों को समझाने और बात करने की कोशिश की पर छात्र नहीं माने. वो डीएम और एसडीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे.
इस दौरान सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को भी जबरन अरावली, नीलगिरी, शिवालिक और उदयगिरि हॉस्टलों को रात करीब आठ बजे से ही बन्द कर दिया था. अधिकारियों के अनुसार कुल 166 छात्र मौके पर मौजूद थे.
स्कूल ने प्रशासन को दी जानकारी
विद्यालय पहुंचे तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने विद्यालय में घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. साथ ही यह भी बताया कि बच्चें हम लोगों से बात करने को तैयार नहीं है. वहीं प्रिंसिपल डॉ. सुमेधा पाण्डेय ने बताया कि नवोदय विद्यालय समिति के दिशा निर्देश में बच्चो की पढ़ाई तीन शिफ्टों में करने और दो शिफ्ट में ड्रेस में स्टडी अनिवार्य किये जाने से कुछ छात्र नाराज है लेकिन उन लोगो द्वारा हम लोगो से समस्या बताए बिना उग्र हड़ताल करना ठीक नहीं है.
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