रेरा ने हाऊसिंग बोर्ड पर कसा शिकंजा-दो माह के भीतर उपभोक्ता को साढ़े नौ लाख लौटाने को कहा

रायपुर 17 फ़रवरी (वेदांत समाचार)।  छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने उपभोक्ताओं की शिकायत पर हाऊसिंग बोर्ड पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रेरा ने हाऊसिंग बोर्ड को दो माह के भीतर उपभोक्ता को साढ़े नौ लाख रुपये से भी अधिक लौटाने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता द्वारा रेरा में हाऊसिंग बोर्ड के खिलाफ समय पर मकान न देने की शिकायत की गई थी।

ममता बंजारे ने हाऊसिंग बोर्ड की थी शिकायत

जानकारी के अनुसार, रायपुर जिले के ग्राम बहनाकाड़ी निवासी ममता बंजारे ने रेरा प्राधिकरण में हाऊसिंग बोर्ड के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में ममता बंजारे ने लिखा था कि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नवा रायपुर सेक्टर-34 में 7 फरवरी 2017 को 30 हजार रुपये में फ्लैट बुक कराया था। फ्लैट का अधिपत्य दिसंबर-2017 में किया जाना था। फ्लैट की कीमत 8.50 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया है, जिसके लिए बैंक से 6.80 लाख रुपये का ऋण भी लिया है। समय पर फ्लैट ने मिलने पर ममता बंजारे ने भुगतान की राशि ब्याज सहित लौटाने की मांग की थी।

शिकायत पर रेरा प्राधिकरण ने जाचं के दौरान पाया कि हाऊसिंग बोर्ड ने आधिपत्य सौंपने में एक वर्ष छह माह का विलंब किया है और इसकी वजह से शिकायतकर्ता को नुकसान उठाना पड़ रहा है। रेरा अध्यक्ष विवेक ढांड, सदस्य राजीव कुमार टम्टा ने शिकायकर्ता के पक्ष में फैसला दिया। फैसले में कहा गया है कि दो माह के भीतर हाऊसिंग बोर्ड द्वारा उपभोक्ता को आठ लाख 57 हजार 500 रुपये के साथ ही ब्याज के रूप में 96468 रुपये लौटाने होगा।

1400 से अधिक मामलों का निपटारा

रेरा प्राधिकरण ने अभी तक करीब पौने चार वर्षों में 1400 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। रेरा प्राधिकरण का कहना है कि उपभोक्ता को चाहिए कि वह रेरा में रजिस्टर्ड नहीं होने वाले प्रोजेक्टों से खरीदारी न करें। इसके साथ ही बिल्डरों को भी हर तीन माह में अपने प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट रेरा के पोर्टल में डालनी होगी।