दंत रोगों का उपचार सुगम बनाने शुरू हुआ शहरी क्षेत्र में सर्वे

बिलासपुरम 16 फ़रवरी (वेदांत समाचार)।  दंत रोगों के प्रति उदासीनता और इसमें होने वाले खर्चों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दंत रोगों के निःशुल्क इलाज के लिए एक अभियान शुरू किया है ताकि अन्य बीमारियों की तरह ही इन रोगों का इलाज भी उपलब्ध हो सके। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के निर्देश पर मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ. प्रियंका शुक्ला ने राजधानी के शहरी इलाकों में एक पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत दंत रोग सर्वे का कार्य शुरू करवाया है। सर्वे के पूर्व मितानिन एवं एएनएम को प्रशिक्षण भी दिया गया है।

इस संबंध में संयुक्त संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ. एस पामबोई ने बताया “नौ फरवरी से राजधानी के शहरी क्षेत्रों में लोगों के मुख-स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता के साथ ही लोगों को दंत रोगों का उपचार दिए जाने के उद्देश्य से दंत रोग संबंधी सर्वे किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों के बाद यह सर्वे सभी जिलों में किए जाने की योजना है। सर्वे में दंत रोग संबंधी बीमारियों की जांच की जा रही है। दांतों की बीमारी से पीड़ित लोग मिलने पर उनको नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जहां दंत चिकित्सक मौजूद हैं, रेफर कर समुचित इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

इन बीमारियों की पड़ताल- राज्य नोडल अधिकारी मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. कमलेश जैन ने बताया “दंत रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ ही दातों का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए दंत रोग सर्वे शुरू किया गया है जिसमें मुख्य रूप से दागदार दांत और परत का जमाव, दांतों में सड़न, मुख का कैंसर या कैंसर पूर्व अवस्था की जांच, दांत और मसूढ़ों से मवाद का आना, टेढ़े दांत, नकली दांत का आंकलन या आवश्यकता, दांतों में लंबे समय से संवेदनशीलता और दर्द, दंत फ्लोरोसिस, दातों का हिलना, दांतों और मसूढ़ों का सूजन आदि बीमारियों की पहचान की जा रही है। चिन्हांकित मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र रेफर कर इलाज किया जा रहा है।“ अधिकारियों के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान कोविड मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

प्रत्येक बुधवार को लग रहा दंत शिविर – दंत रोग सर्वे का कार्य मितानिन और एएनएम के माध्यम से किया जा रहा है। घर-घर दस्तक देकर दंत रोग से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें जरूरतानुसार स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जाता है। स्वास्थ्य केन्द्र में प्रत्येक बुधवार को शिविर लगाकर चिन्हांकित मरीजों को समुचित जांच और परामर्श निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है।