झारखंड ही नहीं बिहार में भी चारा घोटाला के आरोपी हैं लालू प्रसाद, बांका-भागलपुर कोषागार से अवैध निकासी का है आरोप

झारखंड में चारा घोटाला (Fodder Scam) के पांच मामले में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद (Lalu prasad) पर पटना में भी सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई हो रही है. यहां चारा घोटाले के आरसी 63 ए, 1996 की सुनवाई हो रही है. यह भागलपुर और बांका कोषागार से फर्जी रसीद से लाखों रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा मामला है. जिसमें आज सुनवाई हो रही है. चारा घोटाले के आरसी 63ए, 1996 के इस मामले में लालू प्रसाद समेत 22 आरोपी हैं. लालू, प्रसाद पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा, नौकरशाह बेक जुलियस, फूलचंद सिंह पर इस मामले में आरोप हैं. मामले में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक आरएन सिंह ने अबतक 76 गवाह पेश कर गवाही कराई हैं. चारा घोटाले के इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद समेत कुल 44 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की थी. जिसमें 22 लोगों की मृत्यु हो गई है. इसके बाद उनके खिलाफ ट्रायल बंद कर दिया है.

इससे पहले लालू प्रसाद झारखंड के चाईबासा, देवघर और दुमका मामले में दोषी ठहराए गए हैं. मंगलवार को रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी मामले में भी दोषी ठहराए गए हैं. इस मामले में उनपर सजा का ऐलान 21 फरवरी को होने वाला है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को सात साल की सजा मिली है. जिसमें साढे तीन साल की सजा काटने के बाद वह जमानत पर हैं. इधर मंगरवार को दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया.

रिम्स में रहने की मिली है इजाजत

इस दौरान लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने उनके स्वास्थ्य और गंभीर बीमारियों के मद्देनजर अदालत से उन्हें रिम्स में रखने की अपील की. जिसपर कोर्ट ने लालू प्रसाद को राहत देते हुए उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में रखने की इजाजत दी है. इसके बाद लालू प्रसाद को यहां कमरा नंबर ए-11 मे रखा गया है. 21 जनवरी को सजा के ऐलान होने के बाद तय होगा कि लालू प्रसाद को राहत मिलेगी, वह होटवार जेल जाएंगे या रिम्स के इसी वार्ड मे रहेंगे

कई गंभीर बिमारियों से पीड़ित हैं लालू प्रसाद

दरअसल लालू प्रसाद कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी रोग, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलेसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमज़ोर इम्यूनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख में दिक्कत है. यही वजह है कि कोर्ट ने उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रिम्म में रहने की राहत दी है.

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