उत्पादन बढ़ाने के लिए वैकल्पिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की जरूरत

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए कृषि (Agriculture) उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए नए विकल्पों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कम जमीन में अधिक पैदावार लेने के लिए वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) तकनीक को स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप व्यावहारिक बनाने पर और अधिक काम करने की जरूरत है. कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के तीसरे दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे. वो समारोह को राजभवन से ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कहा कि कृषि ही किसी राष्ट्र की संपन्नता और खुशहाली का भी पैमाना है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में खेती को आधुनिक और किसानों (Farmers) के लिए अधिक कारगर बनाने की दिशा में कृषि शिक्षा के जरिए प्रयास किए जाने चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास पर सभी स्तरों पर ध्यान देना होगा. दुनियाभर में खेती के विकास से संबंधित रिसर्च और प्रयोगों का लाभ राजस्थान के किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए. बीजों की उत्तम गुणवत्ता, वैज्ञानिक तरीकों से उर्वरकों के सही इस्तेमाल, इंटीग्रेटेड पेस्टीसाइड मैनेजमेंट, कृषि विविधीकरण एवं जैविक तथा प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई.

पर्यावरण अनुकूल खेती पर हो काम

राज्यपाल ने डिजिटल कृषि, कम जल में अधिक पैदावार, पर्यावरण अनुकूल खेती के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को अग्रणी बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान के संदर्भ में कम पानी और कीटनाशकों के कम से कम प्रयोगों से खेती को अधिक से अधिक विकसित करना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा मार्च, 2024 तक मान्यता प्रदान किए जाने पर बधाई दी.

मिश्र ने विश्वविद्यालय द्वारा नई कृषि तकनीकों तथा उन्नत किस्मों के विकास चिया, किनोआ, कैमोमाइल, चिकोरी एवं ड्रैगन फ्रूट जैसी नवीन क्षमतावान फसलों के जीनोटाइप विकसित करने की दिशा में किए जा रहे शोध कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की.

कृषि क्षेत्र में रिसर्च को मिले बढ़ावा: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों को खुशहाल बनाने के लिए जरूरी है कि कृषि शिक्षा (Agricultural Education) का प्रसार एवं इस क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा मिले. राज्य सरकार इसके लिए काम कर रही है. हमारे पिछले कार्यकाल के समय जोधपुर, जोबनेर और कोटा में नए कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई थी. साथ ही इस कार्यकाल में हमने विभिन्न जिलों में नए कृषि महाविद्यालय भी खोले हैं.

सूखे की समस्या झेल रहा राजस्थान

गहलोत ने कहा कि सदियों से अकाल एवं सूखे की समस्या झेल रहे हमारे राजस्थान में कृषि का अपना महत्व है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कहना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. देश का पूर्ण विकास तभी संभव है जब गांवों का समग्र विकास हो. मुख्यमंत्री ने जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा खुड़ियाला गांव को गोद लेकर स्मार्ट गांव के रूप में विकसित करने की पहल को सराहा और कहा कि यह गांव ग्राम विकास का नया उदाहरण पेश करेगा.

विश्वविद्यालय को 108 हैक्टेयर जमीन आवंटित

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय को राज्य सरकार ने कृषि अनुसंधान और बीज उत्पादन के लिए 108 हैक्टेयर भूमि आवंटित की है. इससे विश्वविद्यालय के विकास, रिसर्च कार्यों, उन्नत बीज उत्पादन कार्यक्रमों और भविष्य के एक्शन प्लान को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा. कृषि एवं गांवों के विकास के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध और अनुसंधान को निरंतर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. इससे हमारे किसानों, पशुपालकों, ग्रामीण भाई-बहनों को नई तकनीकों का लाभ मिल सकेगा.

इस मौके पर विश्वविद्यालय की पुस्तिका ‘सफल किसानों की प्रेरणादायी कहानियां’ का लोकार्पण किया गया. इस मौके पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बीआर चौधरी सहित कई लोग मौजूद रहे.