उत्तराखंड की हसीन वादियों से उभरता हुआ संगीतकार अंशुमन तिवारी

विनीत चौहान


उत्तराखंड,15 फरवरी (वेदांत समाचार)। उत्तराखंड की वादियों में एक बहुत ही खूबसूरत, सहज, शांत पर्यटक स्थल पर रहने वाले, देवों की भूमि से संस्कार लेकर सहजता के साथ संगीत की स्वर लहरियों से जीवन को संगीत के लिये समर्पित करने वाले इस युवा की दास्तां बड़ी ही दिलचस्प है। 25 वर्षीय अंशुमन तिवारी लोफी और रांझा लोफी को अपना सबसे पसंदीदा मानते हैं।
बचपन से ही म्यूजिक और गाने का शौक रखने वाले अंशुमन ने वेदांत समाचार से बताया की वह संगीत में अपना नाम करना चाहता है संगीत ही उसका जीवन है। बीएससी. आईटी तक पढाई की लेकिन बचपन से ही संगीत के प्रति रुझान हुआ और बड़े-बड़े संगीतज्ञों को देखकर संगीत के प्रति समर्पित होता चला गया।

उत्तराखंड की हसीन वादियों से उभरता हुआ गायक अंशुमन से खास बातचीत

अंशुमन तिवारी देश में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है। एक सफल संगीतकार होने के अलावा, उन्होंने बीट्स एंड म्यूजिक में अपनी किस्मत आजमाई है। उनके संगीत वीडियो और गीतों का अद्भुत सेट उन्हें अपनी मंडलियों और प्रशंसकों में एक लोकप्रिय चेहरा बनाता है। विभिन्न प्रकार के गीतों के निर्माण में उनकी विशेषज्ञता ने कुछ महीने पहले दुनिया में उनकी लोकप्रियता में वृद्धि की। देहरादून उत्तराखंड के रूप में जन्मे, वह अपने मंच नाम अंशुमन तिवारी संगीतकार के लिए जाने जाते हैं और एक भारतीय गिटारवादक और संगीतकार हैं। Spotify पर अपने अद्भुत गीत “मॉडर्न हिप-हॉप” के लॉन्च के साथ उन्हें संगीत उद्योग में पेश किया गया था।

अंशुमन तिवारी ने अपना संगीत खुला रखा और सुनिश्चित किया कि वह इस क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करें। कई अन्य विषयों पर विभिन्न प्रकार के गाने और वीडियो वितरित करते हुए, उन्होंने अपनी अनूठी प्रतिभा के साथ अपनी यात्रा को सुचारू रखा है। उत्कृष्ट प्रतिभा के साथ, उन्होंने दुनिया को दिखाया है कि वह संगीत और अन्य संगीत वाद्ययंत्रों में एक अच्छे व्यक्ति हैं जो उन्हें मुख्यधारा के मीडिया में विजेता बना देगा।


गीतों को शब्दों से पिरोया, सुर और संगीत से सजाया

पहले गीतों को शब्दों से पिरोया तो फिर उनको सुर दिये संगीत से सजाया। अंशुमन बोलते है कि उन्हें जब कोई बोलता है कि तुम्हारा गाना हमको बहुत पसंद है तो उत्साह वर्धन होने लगता है। चाहने वालों का प्यार उनकी ताकत बन गया। इसको लेकर एक पुस्तक की रचना की कनेक्टिंग म्यूजिक टू कल्चर पहाड़ों में रहकर संस्कृति सभ्यता के साथ खुद को जोड़ना और पुस्तक के रुप में लेखन का विस्तार करने की कार्यशैली अंशुमन का बेहतरीन रचनाकार संगीतकार के रुप में आगे बढाती चली गई। इस युवा की दिल की तमन्ना यही रही कि संगीत  कैरियर में अच्छे-अच्छे गीतों की रचना करे और सुर संगीत के साथ लोगों के दिलों के करीब पहुंचे।

इसके लिए इनके आइडियल जुबिन नौटियाल और अरिजीत सिंह रहे जिनको सुनकर इसने अपने संगीत के सफर को तय किया। धीरे-धीरे उतराखंड के इन संगीतज्ञों से प्रेरणा लेकर इसके दिल में एक भाव जागृत हुआ कि अब चाहत यही है कि उसकी खुद की पहचान बने जैसे यह आज अपने बड़े संगीतकारों को अपना आदर्श मानता है वैसे ही भविष्य में इसको भी दूसरे अंशुमन को आइकन के रुप में देखें। इसके लिए संगीत साधना है इसी साधकर यह अपने कैरियर मेहनत के साथ अपने कर्म की खुशबू से महकाना चाहता है।

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