आगामी पांच वर्षों में देश के जनजातीय इलाकों की तस्वीर बदलने वाली है. केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय (Central Tribal Ministry) की ओर से इसके लिए ठोस पहल की गयी है. केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की देश के जनजातीय इलाकों में विशेष अभिरूचि है. इसके विकास के लिए कई सारे उपाय किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट (Budget) में प्रधानमंत्री की ओर से जनजातीय इलाकों के विकास के लिए काफी धन की व्यवस्था की गयी है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा इस वित्त वर्ष के लिए 8,451 करोड़ का बजट आवंटित है जो कि 12.32 प्रतिशत अधिक है. केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी वाले सभी 36 हजार 428 गांवों का कायाकल्प करेगा.
जनजातीय इलाकों के बच्चों की सबसे बड़ी समस्या शिक्षा को लेकर है. उनकी शैक्षणिक स्थिति काफी खराब है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि उसे सुधारने के लिए ब्लॉक स्तर पर आवासीय विद्यालय खोलने की योजना है. जिससे कि इन विद्यालयों में बड़ी संख्या में जनजातीय बच्चे पढ़ने के लिए आ पाएंगे और इससे उनका शैक्षणिक स्तर में बदलाव आएगा.
एकलव्य स्कूल स्मार्ट क्लास
जनजातीय इलाकों में चल रहे एकलव्य स्कूल को स्मार्ट क्लास में तब्दील किया जा रहा है. इन स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा मुहैया की जा रही है जिससे कि वहां के बच्चों में पढ़ाई का स्तर बेहतर हो. इसके तहत इस वित्त वर्ष में सात हजार पांच सौ गांवों को चुना गया है.
स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
अर्जुन मुंडा ने बताया कि जनजातीय इलाकों में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनजातीय आबादी में बड़े पैमाने पर पाई जाने वाली अनुवांशिक बीमारी सिकलसेल के निदान के लिए डीएसटी के साथ मिलकर क्रिस्पर तकनीक की मदद से निदान और उपचार होगा. इसके लिए आईसीएमआर, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट एम्स, सीएसआईआर का भी सहयोग लिया जा रहा है. देश में दस राज्यों जिनमें छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में यह बहुत अधिक पाया जाता है.
तकनीक का सहारा
जनजातीय कल्याण के लिए तकनीक का काफी सहारा लिया जा रहा है. मसलन देश की समस्त जनजातीय आबादी का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. यह डेटाबेस लगभग तैयार हो गया है. अब मंत्रालय केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की निगरानी 24 घंटे सातों दिन करेगा. इसमें ऑन लाइन पोर्टल की मदद से किए जा रहे काम और जनजातीय गांवों के विकास यात्रा को देखा जा सकेगा.
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