SBI वित्त वर्ष 2022 में रिकवर करेगा 8,000 करोड़ रुपये, रिटन-ऑफ अकाउंट्स से मिलेगी राशि

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा समाधान वाले खातों सहित रिटन ऑफ अकाउंट्स से लगभग 8,000 करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद है. एसबीआई (State Bank of India) ने दिसंबर 2021 को खत्म हुई तीसरी तिमाही के दौरान रिटन-ऑफ अकाउंट्स (Written off accounts) से 1,500 करोड़ रुपये की वसूली की और वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों अप्रैल-दिसंबर के दौरान कुल वसूली राशि 5,600 करोड़ रुपये रही. बैंक ने निवेशकों के साथ एक बातचीत में यह बात कही है. बैंक ने कहा कि कुल मिलाकर उसे चालू वित्त वर्ष में लगभग 8,000 करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद है.

इसमें न्यायाधिकरण द्वारा हल किए गए मामलों से वसूल की गई राशि भी शामिल है. इसके चलते बैंक के फंसे हुए कर्ज में भी सुधार हुआ है और 31 दिसंबर 2021 के आखिर में उसका सकल एनपीए घटकर 4.5 फीसदी रह गया, जो सितंबर, 2021 के आखिर में 4.9 प्रतिशत था. शुद्ध एनपीए भी तिमाही आधार पर 1.52 फीसदी से गिरकर 1.34 फीसदी पर आ गया है.

बैंक के प्रदर्शन में सुधार: SBI चेयरमैन

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंक के प्रदर्शन में लगातार सुधार हो रहा है.

आपको बता दें कि दिसंबर तिमाही में एसबीआई के प्रॉफिट में सालाना आधार पर 62 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. इस तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट 8432 करोड़ रुपए रहा. दिसंबर 2020 तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट 5196 करोड़ रुपए रहा था. बैंका प्रदर्शन ज्यादातर सर्वे के मुकाबले बेहतर रहा है. इस तिमाही में बैंक की इंट्रेस्ट इनकम में 4.41 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. यह आंकड़ा 69 हजार 678 करोड़ रुपए का रहा. दिसंबर 2020 में यह आंकड़ा 66 हजार 734 करोड़ रुपए था.

बैंक का नेट इंट्रेस्ट इनकम 6.48 फीसदी के उछाल के साथ 30 हजार 687 करोड़ रुपए रहा. एक साल पूर्व समान तिमाही में बैंक की नेट इंट्रेस्ट इनकम 28820 करोड़ रुपए थी. दिसंबर तिमाही के लिए बैंक का स्लीपेज 2334 करोड़ रुपए रहा. कोरोना के कारण पहले और दूसरे चरण के रिजॉल्यूशन प्लान के कारण बैंक का टोटल री-स्ट्रक्चरिंग 32 हजार 895 करोड़ रुपए रहा. डिपॉजिट की बात करें तो इसमें सालाना आधार पर 8.83 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 38 लाख 47 हजार 794 करोड़ रुपए रहा. एडवांस में सालाना आधार पर 8.47 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 26 लाख 64 हजार 602 करोड़ रुपए रहा.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]