समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को बड़ी राहत मिली है और नवाब मलिक (Nawab Malik) को जोर का झटका लगा है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को महार जाति का माना है और उनके खिलाफ एसआईटी रद्द करने का आदेश दिया है. इसके अलावा एनसीएससी ने मुंबई पुलिस को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक पर एफआईआर दर्ज करने को कहा है. नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के दलित होने पर सवाल उठाते हुए उन्हें मुस्लिम बताया था. महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव, मुंबई पुलिस आयुक्त को समन देकर आयोग के सामने 7 मार्च को आयोग के सामने उपस्थित रहने को कहा गया है.
आयोग ने अपनी जांच में यह पाया कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ एसआईटी गठित कर उन्हें और उनके परिवार को जांच के नाम पर परेशान किया है. ऐसे में कमीशन ने मुंबई पुलिस को यह आदेश दिया है कि वह एसआईटी की जांच को तुरंत रोके और नवाब मलिक के खिलाफ केस दर्ज करे. आयोग ने इस मामले की जांच एक एसीपी स्तर के अधिकारी द्वारा किए जाने की करवाए जाने का निर्देश दिया है. मुंबई पुलिस को यह भी आदेश दिया गया है कि वह एफआईआर की कॉपी को एक्शन टेकेन रिपोर्ट (ATR) के साथ आयोग के सामने पेश करे.
आयोग ने कहा, मुंबई पुलिस ने समीर वानखेड़े को परेशान किया
आयोग के आदेश में समीर वानखेड़े के खिलाफ एसआईटी जांच को तुरंत रद्द करने को कहा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि एससी/एसटी पीओए ऐक्ट के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने से पहले इसमें एसआईटी गठित करने और प्रारंभिक जांच किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. आयोग ने इस मामले में मुंबई पुलिस को यह चेताया है कि वह समीर वानखेड़े को जांच के नाम पर परेशान करना बंद करे. आयोग ने महाराष्ट्र कास्ट स्क्रूटिनी कमिटी को निर्देश दिया है कि वह वानखेड़े के कास्ट सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन का काम जल्दी खत्म कर रिपोर्ट सौंपे.
समीर वानखेड़े ने दर्ज करवाई थी शिकायत
26 नवंबर 2021 को समीर वानखेड़े ने आयोग को यह शिकायत की थी कि आर्यन खान ड्रग्स मामले में उन्हें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक और अन्य लोगों के द्वारा धमकाया जा रहा है. समीर वानखेड़े ने शिकायत में कहा कि एफआईआर की बजाए उन पर एसआईटी गठित कर दी गई और उन्हें और उनके परिवार को जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है.
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