उन्नाव में दलित लड़की की हत्‍या पर सियासत तेज, अखिलेश यादव ने झाड़ा पल्ला तो अनुराग ठाकुर बोले-इस घटना ने सपा का असली चेहरा दिखाया

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के शासन में मंत्री रहे फतेहबहादुर सिंह (Fateh Bahadur Singh) के बेटे रजोल सिंह पर उन्नाव (Unnao) में दलित लड़की की हत्याकर शव खेत में दफनाने के आरोप के बाद यूपी में सियासत तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से सपा को घेरे जाने के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने साफ कह दिया है कि मंत्री के बेटे का सपा से कोई लेना देना नहीं है. उन्‍होंने कहा कि फतेहबहादुर सिंह की चार साल पहले मौत हो चुकी है और उनका बेटा सपा का सदस्य भी नहीं है. इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सपा पर बड़ा हमला बोला है. उन्‍होंने कहा कि इस तरह की घटना सपा का असली चेहरा दिखाती है.

उन्नाव हत्याकांड पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, यह एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. घटना में सपा नेता की संलिप्तता समाजवादी पार्टी का असली चेहरा दिखाती है. इस घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. यह भाजपा सरकार है जो न्याय करती है. इस पूरी घटना के सामने आने के बाद जिस तरह से विपक्ष ने सपा को घेरने की कोशिश की है. उसे देखते हुए अखिलेश यादव ने इस पूरी घटना से पल्‍ला झाड़ते हुए कहा है कि जिस पर आरोप है, उससे समाजवादी पार्टी का कोई नाता नहीं है. उन्‍होंने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों पर पुलिस और प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें.

अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए कहा, जिस समय इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी उस समय पुलिस ने कार्रवाई क्‍यों नहीं की. क्‍या उस समय यूपी पुलिस सो रही थी. उन्‍होंने कहा कि आखिरकार यूपी पुलिस कानून-व्यवस्था को कब बेहतर करेगी. एफआईआर दर्ज होने के कितने दिनों बाद कार्रवाई हो रही है, यह जिम्मेदारी किसकी थी.

मृतका की मां ने नहीं होने दिया अंतिम संस्कार

बता दें कि उन्नाव में पिछले 2 महीने से लापता दलित युवती का शव पुलिस ने गुरुवार को बरामद किया था. युवती का शव सपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री फतेह बहादुर सिंह के प्लाट से खुदाई के बाद बाहर निकाला गया. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस उसे अंतिम संस्कार के लिए जाजमऊ चंदन घाट पर लेकर पहुंची. हालांकि मृतका के परिवार ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. मृतका के परिजनों ने पुलिस-प्रशासन के सामने अपनी कई मांगे रखीं. मांगे पूरी न होने पर शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया.

बेटी के साथ दुष्कर्म होने का आरोप

दलित युवती की मां का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया था. दुष्कर्म के बाद उनकी बेटी की हत्या की गई थी. उन्होंने पुलिस से कहा कि उनकी बेटी के शव को डी फ्रीजर में रखवा दिया जाए. वह दस दिन बाद उसका अंतिम संस्कार करेंगी. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगी. बेटी को न्याय नहीं मिला तो वह बेटी के शव के साथ गंगा में कूदकर जान दे देंगी.

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