विदेश मंत्री जयशंकर बोले- कोरोना से निपटने और वैक्सीन वितरण को लेकर बुनियादी ढांचे पर बनी सहमति

यूक्रेन को लेकर रूस तथा नाटो देशों के बीच लगातार बने तनावपूर्ण माहौल, अफगान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के ‘दबाव’ पर बढ़ती चिंताओं के बीच चौथी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने कोविड महामारी से निपटने के लिए क्वाड (Quad) के चल रहे प्रयासों की समीक्षा की और सुरक्षित तथा किफायती टीकों के वितरण में तेजी लाने, समर्थन क्षमता निर्माण और अंतिम छोर तक वितरण के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. जापानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में लगातार गतिविधियां हो रही हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चौथी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने कोविड महामारी से निपटने के लिए क्वाड (Quad) के चल रहे प्रयासों की समीक्षा की और सुरक्षित तथा किफायती टीकों के वितरण में तेजी लाने, समर्थन क्षमता निर्माण और अंतिम छोर तक वितरण के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में, हम अपने आसियान भागीदारों (ASEAN partners) को क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के उनके प्रयासों में समर्थन देना जारी रखेंगे. उनकी केंद्रीयता को पहचानने और दोहराने के लिए यह बेहद अहम है.

हमारे साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का प्रयासः जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम एक ऐसे एजेंडा का निर्माण कर रहे हैं जो एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के हमारे साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का प्रयास करता हो, हम समसामयिक मुद्दों को संबोधित करने वाले सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता व आर्थिक समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बीच हुई बातचीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधित देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध, हमारे रणनीतिक अभिसरण और हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों ने क्वाड को एक जीवंत और पर्याप्त ढांचा बनाने के लिए संयुक्त किया है.

इससे पहले भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन को लेकर रूस तथा नाटो देशों के बीच तनाव, अफगान संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के ‘‘दबाव’’ पर बढ़ती चिंताओं के बीच शुक्रवार को विस्तारपूर्वक चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की.

कूटनीति की शक्ति की परीक्षाः जापानी विदेश मंत्री

जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में, उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु और मिसाइल गतिविधियां जारी है. पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास और म्यांमार की स्थिति तथा अन्य कई महत्वपूर्ण मामले हैं. यही वह क्षण है जब कूटनीति की शक्ति की परीक्षा होती है.

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पायने ने गुरुवार को कहा कि क्वाड के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक कोरोना वायरस टीके के वितरण, आतंकवाद रोधी प्रयासों और समुद्री सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर केंद्रित होगी. उन्होंने एक बयान में यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि हिंद-प्रशांत के सभी देश दबाव से मुक्त होकर अपने खुद के रणनीतिक फैसले ले सकें. उनकी इन टिप्पणियों को क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी के परोक्ष संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है.

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने कहा कि वह ‘‘सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत बनाने में हमारे सकारात्मक और महत्वाकांक्षी एजेंडे पर चर्चा’’ करने के लिए भारत, अमेरिका और जापान के अपने समकक्षों का स्वागत करने को उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ हम मुक्त लोकतंत्रों का एक अहम नेटवर्क हैं जो व्यावहारिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हिंद-प्रशांत के सभी छोटे-बड़े देश अपने खुद के रणनीतिक फैसले करने में सक्षम हों.’’

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम हमारे क्षेत्र में टीकों के वितरण, साइबर तथा अहम प्रौद्योगिकी, भ्रामक सूचना तथा आतंकवाद रोधी अभियान, समुद्री सुरक्षा, मानवीय तथा आपदा प्रतिक्रिया और जलवायु परिवर्तन पर अपने कामों पर चर्चा करेंगे.’’ यह क्वाड के विदेश मंत्रियों की आमने-सामने की तीसरी बैठक है. इससे पहले अक्टूबर 2020 में टोक्यो में उनकी बैठक हुई थी और पहली बैठक सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में हुई थी. मंत्रियों ने पिछले साल फरवरी में वर्चुअल बैठक की थी.

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