4 साल की मासूम के दुष्कर्म-हत्या मामले में पॉक्सो कोर्ट का फैसला, 15 घंटे में पकड़ा आरोपी…8 दिन में चालान और अब फांसी

राजधानी जयपुर (Jaipur) के नरैना में एक 4 साल बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले (narena minor girl rape) में राजस्थान के पॉक्सो कोर्ट (POCSO court) ने अपने फैसले से नजीर पेश की है. मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में 6 माह बाद उसको न्याय मिल गया है. मामले के मुताबिक 11 अगस्त 2021 को नरैना में हुए एक 4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म और बाद में हत्या (minor girl rape and murder) मामले में पॉक्सो मामलों की विशेष कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी सुरेश कुमार बलाई को पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 और आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा के आदेश (death sentence order in rape case) दिए हैं. इसके अलावा 3 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

जज संदीप कुमार शर्मा ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में इस अपराध को अकल्पनीय वासना और हैवानियत की हद से लिप्त बताया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने महज 4 साल की बच्ची के साथ जो बर्बरतापूर्वक कृत्य किया है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

कोर्ट के मुताबिक इस उम्र के छोटे बच्चों को कांटा चुभने पर ही असहनीय पीड़ा का एहसास होता है ऐसे में वो बालिका ने किस सीमा तक तड़प झेली होगी. वहीं आरोपी ने अपराध करने के बाद बच्चाी को पानी के तालाब में भी फेंक दिया. बता दें कि राजस्थान में पॉक्सो केस में फांसी की सजा का यह 5वां मामला है.

हत्या के बाद मासूम को तलाई में फेंका

कोर्ट की कार्यवाही के दौरान विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत और विजया पारीक ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 12 अगस्त 2021 की सुबह रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसमें एक 4 साल की लड़की पड़ोस में गई थी लेकिन घर वापस नहीं लौटी, इसके बाद बच्ची का शव तलाई में तैरता हुआ पाया गया.

लड़की का पोस्टमार्टम करने के बाद सामने आया कि उसके साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक कृत्य किया गया है. वकीलों के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने टीम बनाकर 13 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कियआ और महज 8 दिन में कोर्ट में चालान पेश किया था.

वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फैसला आने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा है कि अब कोई बदमाश बेटियों के साथ इस तरह का अपराध करने की हिम्मत नहीं करेगा.

15 घंटे में गिरफ्तारी, 41 गवाहों के बयान हुए दर्ज

इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शंकर दत्त शर्मा ने विशेष टीम बनाकर जांच की थी. 700 पुलिसकर्मियों ने महज 15 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार किया था जिसके बाद आरोपी के खिलाफ 8 दिन में कोर्ट में चालान पेश किया गया था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 41 गवाहों के बयान दर्ज किए थे.

इस मामले में एएसपी धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में आरपीएस कीर्ति सहित तत्कालीन एसएचओ रेनवाल हितेश शर्मा, जोगिंद्र राठौड़ व दिनेश यादव शामिल रहे.