Bharat Petroleum Corporation BPCL : वेदांता (Vedanta) के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि अगर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) की डील होती है तो इसके लिए वेदांता की तरफ से फंडिंग नहीं होगी। उन्होंने 9 फरवरी को सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा, वेदांता के अनुशासित कैपिटल अलोकेशन पॉलिसी का पालन करती है।
वेदांता को डिलिस्ट कराने की योजना नहीं
अग्रवाल ने कहा, कंपनी को नहीं लगता कि उसे डिमर्ज करना जरूरी है क्योंकि “हम एक मजबूत कंपनी हैं।” उन्होंने कहा कि वेदांता को फिलहाल डीलिस्ट कराने की योजना नहीं है। वेदांत 12.5 अरब डॉलर के कर्ज के साथ सहज स्थिति में है, जिसका डेट-इक्विटी रेश्यो 1.2-1.3 गुने का है।
अग्रवाल ने कहा कि वेदांता रिसोर्सेज की बैलेंसशीट के जरिये वेदांता को फंडिंग की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “पैरेंट कंपनी के साथ वेदांता का विलय नहीं किया जाएगा।”
हिंदुस्तान जिंक पर क्या बोले अग्रवाल
हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) पर अग्रवाल ने कहा कि अगर सरकार बेचना चाहती है तो कंपनी इसकी 5 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद सकती है। उन्होंने कहा, अगर केंद्र सरकार अनुमति देती है तो कंपनी ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने पर विचार करेगी।
उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) की बाकी हिस्सेदारी के लिए बाजार में पर्याप्त डिमांड है। हिंदुस्तान जिंक की बाकी हिस्सेदारी खरीदने का विकल्प उसके वैल्युएशन और रेगुलेटरी मंजूरी पर निर्भर करेगा।”
अग्रवाल ने चैनल को बताया कि उनकी प्रमोटर होल्डिंग्स के मौजूदा स्तर से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
BPCL पर क्या है प्रोग्रेस
वेदांता ने 8 फरवरी को एक बयान में कहा कि उसकी सरकार के स्वामित्व वाली बीपीसीएल के संभावित अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए एक स्ट्रैटजिक इनवेस्टर के साथ एक फंड बनाने की योजना है।
वेदांता ने एक बयान में कहा कि बीपीसीएल (BPCL) के लिए उसकी बिड अभी EOI के चरण में है और यदि सौदा पूरा होता है तो कंपनी खरीदे गए बिजनेस का मैनेजमेंट संभाल सकती है। बयान में कहा गया कि बिजनेस को एक उपयुक्त प्रॉफिट शेयरिंग अरेंजमेंट या एक मैनेजमेंट फी मॉडल पर खरीदा जाएगा। वेदांत की बैलेंसशीट से अलग संभावित निवेश को सपोर्ट के लिए एक स्ट्रैटजिक इनवेस्टर के साथ एक खास फंड बनाया जाएगा।
कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में बदलाव की योजना नहीं
कंपनी ने 8 फरवरी को रेगुलेटर्स को बताया कि उसने अपना रिऑर्गनाइजेशन रिव्यू पूरा करने के बाद अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में बदलाव की योजना को खारिज कर दिया है। कंपनी इस निष्कर्ष पर पहुंची कि उसका मौजूदा स्ट्रक्चर उपयुक्त है।
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