कोरबा, 10 फरवरी (वेदांत समाचार)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बिजली की समस्या पर आंदोलन की चेतावनी के बाद बिजली विभाग हरकत में आया है। आज बिजली विभाग के बड़े अधिकारियों ने, जिसमें बिलासपुर से अतिरिक्त मुख्य अभियंता पी के कश्यप, अधीक्षण अभियंता एस के चक्रवर्ती, आर के श्रीवास्तव, राजकुमार सोनकर आदि शामिल हैं, ने माकपा नेताओं से बातचीत की तथा उनके द्वारा उठाये गए मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। बिजली विभाग की इस पहलकदमी को देखते हुए माकपा ने अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है। माकपा प्रतिनिधिमंडल में जिला सचिव प्रशांत झा, राजकुमारी कंवर, देव कुंवर, जवाहर सिंह कंवर, दिलहरण बिंझवार, दीपक साहू, जय कौशिक आदि शामिल थे।
माकपा ने गरीबों के बिजली बिल माफ करने, काटे गए कनेक्शनों को जोड़ने, ग्राम स्तर पर बिजली बिल में सुधार के लिए शिविर लगाने की मांग की है। इन मांगों पर बातचीत करते हुए विभाग ने मडवाढोंढा, गंगानगर, नरईबोध तथा बांकी मोंगरा में बिजली बिल सुधार के लिए शिविर लगाने का आश्वासन दिया है। गरीबों के बिल माफ करने के विषय मे अधिकारियों ने कहा कि सर्वे कर बिजली बिल माफ करने के लिए उच्च अधिकारियों को फाईल भेजेंगे। काटे गए कनेक्शन को जोड़ने, उपभोक्ताओं को किश्तों में बिल पटाने की सुविधा देने और गलत बिलिंग को सुधारने की बात भी अधिकारियों ने मानी है।
माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर ने ग्राम मड़वाढोंढा और पुरैना बस्ती की बिजली समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया और वर्तमान लाईन को बदल कर सीधे बांकी से मड़वाढोंढा को जोड़ने की मांग की, जिस पर बिलासपुर से पहुंचे अतिरिक्त मुख्य अभियंता पी के कश्यप ने जल्द सर्वे कर नई लाईन बिछाने का आश्वासन माकपा नेताओं को दिया तथा इस संबंध में अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि एक ओर सरकारी विभागों और उद्योगपतियों पर हजारों करोड़ रुपयों का बिजली बिल बकाया है, लेकिन इस बिल को वसूलने में असमर्थ बिजली विभाग आम जनता को परेशान कर रहा है और अपने निकम्मेपन का बोझ उन पर लाद रहा है। माकपा की लड़ाई रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों और किसानों के लिए है, जिन्हें बिजली विभाग बिना रीडिंग के कई महीनों का एकमुश्त बिल थमा रहा है।
माकपा नेता ने कहा है कि बिजली विभाग के अधिकारियों को उनके द्वारा दिये जा रहे आश्वासन पर अमल करने के लिए समय दिया जा रहा है और कुछ दिनों के लिए आंदोलन स्थगित किया जा रहा है। इस बीच यदि विभाग गरीबों को राहत देने के लिए सही पहलकदमी नहीं करता, तो गरीबों को रोशनी के लिए माकपा सड़क पर उतरेगी।
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