खरीद केंद्रों की लापरवाही से अटक रहा किसानों का भुगतान

शहडोल 7 फरवरी (वेदांत समाचार)। जिले मे इस बार 14 लाख 06 हजार 137 क्विंटल धान समर्थन मूल्य में खरीदा गया है। जनवरी में खरीद बंद होने के बाद धान का उठाव और भंडारन चल रहा है। सोमवार की शाम तक खरीद केंद्रों में 33 हजार क्विंटल धान परिवहन के लिए रखा था। किसानों के भुगतान की प्रक्रिया सीधे भोपाल स्तर से चल रही है, लेकिन उन किसानों का भुगतान रोका जा रहा है,जिनकी बोरियों में निर्धारित मात्रा से कम धान निकल रही है।

इसके लिए खरीद केंद जिम्मेदार है। खरीद केंद्र से भंडारण के लिए जो बोरियां भेजी जाती हैं, उनके सत्यापन के दौरान मात्रा कम निकलने से किसानों का भुगतान तब तक रोका जाएगा,जब तक कम हुई धान की भरपाई खरीद केंद्र नहीं करेगा। बोरियों (बारदानों) में चालीस किलों की जगह 38 किलो धान निकल रहा है। इसका कारण विभाग धान की गुणवत्ता कमजोर होना या सूखना माना जा रहा है। खरीदी के समय गीला धान खरीदा गया और भंडारण तक वह सूख गया तो वजन कम निकल रहा है। इसके लिए सीधे खरीद केंद्र जिम्मेदार है और किसानों की बोरियों से कम मात्रा का भुगतान खरीद केंद्र करेगा। किसानों का भुगतान लेट होगा, लेकिन रुकेगा नहीं।

साफ्टवेयर से होती बोरियों की गिनती-

खरीद केंद्रों से उठाव और परिवहन के बाद भंडारन के दौरान बोरियों की गिनती कम्प्यूटर साफ्टवेयर से होती है। इस दौरान निर्धारित 40 किलो की बोरियों में धान कम होने पर बजन बराबर नहीं मिलता और शार्टेज निकल जाता है। कम्प्यूटर साफ्टवेयर बोरियों की गिनती के आधार वजन निकालता है और स्वीकृति पत्रक जारी करता है। स्वीकृत पत्रक जारी नहीं होने पर भंडारण नहीं होता और किसान का भुगतान रुक जाता है। अब तक 50 किसानों का भुगतान रुक चुका है। किसानों के अनुसार इस बार जो नए बारदाने आए हैं, वह मापदंड के अनुरुप नहीं थे। इसके कारण भी परेसानी हुई है। बारदाने में धान पूरा भरा गया लेकिन साइज में अंतर होने के कारण भी मात्रा कम हुई है। हालांकि यह बात केंद्र प्रभारियों उसी समय बताई गई लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। अब किसानों का भुगतान अटक रहा है। गोदाम स्तर से जो बारदाने खरीदकर दिए गए है, उनमें इस तरह की समस्या आई है।

इन केंद्रों में हुई बड़ी लापरवाही-

जिले के सन्नाौसी, खड्डा, पपौध, कुंआ, लिखवा, चुहिरी, रसमोहनी, सिंहपुर खरीद केंद्रों में बड़ी लापरवाही हुई है। यहां गोदाम स्तर के बारदानों में धान भरवाई गई और तौल नहीं हुई, जबकि तौल करनी थी। भंडारण के समय जब तौल हुई तो सिंहपुर केंद में ही 300 क्विंटल धान कम हो गया है। इसी तरह अन्य केंद्रों में भी बारियों में धान कम निकल रहा है। अब तक दस हजार क्विंटल धान कम निकल चुका है, जिससे 100 किसानों का भुगतान अटक गया है। इसमें खरीद केंद्र प्रभारियों के साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ जिला प्रशासन की टीम भी जिम्मेंदार है, क्योंकि इसकी निगरानी तो यहीं कर रहे थे।उपार्जन में प्रशासन के दावों के विपरीत जहां केंद्रों में किसानों के लिए सुविधाएं नदारत रहीं, वहीं मापदंड के विपरीत बारदानों की आपूर्ति से पैदा हुई समस्या का परिणाम अब सामने आने लगा है।

वर्जन-

किसानों को पूरा भुगतान होगा और बोरियों में जो धान कम निकल रहा है, उसकी आपूर्ति विभागीय नियमानुसार कराई जाएगी। बारदानों के मापदंड पर क्या कमी थी, इसकी जांच होगी। किसानों का भुगतान जल्दी हो, इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे।