BREAKING : अहमदाबाद एक्सप्रेस की चपेट में आया गार्ड, जमकर प्रदर्शन

रायगढ़ 7 फरवरी (वेदांत समाचार)। झारसुगुड़ा से लेकर रायगढ़ सेक्शन तक रेलवे के कर्मचारी जान हथेली में लेकर काम कर रहे हैं। रेलवे उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसी कड़ी में 6 फरवरी सुबह लचकुरा केबिन के पास मालगाड़ी को जोडऩे का काम करने गए यहां के एक रेलवे गार्ड की अहमदाबाद एक्सप्रेस की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से यहां के लोको पायलट व गार्ड्स भड़क गए और सुरक्षा की मांग को लेकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। देर शाम तक रेलवे कर्मचारी काम पर नहीं लौटे ऐसे में शाम को बिलासपुर से डीओएम को रायगढ़ आना पड़ा। बावजूद इसके रेलवे कर्मचारी शांत होते नहीं दिखे।दरअसल, आज सुबह रेलवे में पदस्थ मूलत: बिहार के दरभंगा निवासी व यहां कोतरारोड अटल आवास में निवासरत गार्ड जेके ठाकुर झारसुगुड़ा के लचकुरा केबिन में दो मालगाडिय़ों को जोडऩे के लिए गया हुआ था। इस काम में डेढ़ घंटे से अधिक समय हो गया। इसी दौरान डाउन दिशा में अहमदाबाद एक्सप्रेस आ गई। ऐसे जब गार्ड ठाकुर ट्रेक से हटने की कोशिश कर रहा था तभी वह ट्रेन की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

इस हादसे की खबर मिलते ही रायगढ़ के लोको पायलट व रेलवे गाड्र्स में शोक की लहर दौड़ गई, इसके अलावा उनका गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा क्योंकि यह हादसा रेलवे की लापरवाही व सुरक्षा इंतेजाम नहीं करने के कारण हुई। फिर क्या था, सुबह 11 बजे से ही लोको पायलट व गार्ड्स अपनी सुरक्षा व सुविधा की मांग को लेकर लामबंद हो गए और काम छोड़कर रेलवे स्टेशन परिसर में ही नारेबाजी करते हुए हंगामा मचाना शुरू कर दिया।रेलवे कर्मचारियों के इस तहत अचानक विरोध प्रदर्शन करने से रेलवे प्रशासन भी सकते में आ गया। आनन फानन में रेलवे सुरक्षा बलों को मौके पर बुलाया गया और प्रदर्शन कारियों को शांत कराने की कोशिश की गई मगर लोको पायलट व गाड्र्स कुछ सुनने को तैयार ही नहीं हुए बल्कि प्रदर्शन को तेज करते हुए ट्रेनों की आवाजाही बाधित करने तक की तैयारी शुरू कर दी। आउटर में खड़ी हुई साउथ बिहार एक्सप्रेसरेलवे स्टेशन में लोको पायलट व गाड्र्स के विरोध प्रदर्शन के कारण साउथ बिहार एक्सप्रेस को भी रायगढ़ स्टेशन में आने से पहले आउटर में रोक दिया गया। इस ट्रेन से आज सीनियर डीसीएम निरीक्षण करने के लिए आने वाले थे मगर रास्ते में प्रदर्शन की जानकारी लगने के बाद वे बीच में दौरा रद्द करते हुए उतर गए। ऐसे में प्रदर्शन कारियों को समझाइस के बाद करीब पंद्रह मिनट बाद साउथ बिहार एक्सप्रेस को आगे की ओर रवाना किया गया।सड़क मार्ग से रायगढ़ पहुंचे डीओएममालगाडिय़ों को जोडऩे के काम में काफी वक्त लगता है, इसके अलावा इसमें काफी जोखिम भी होता है मगर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतेजाम नहीं करता।

इसी के चलते आज भी यह हादसा हुआ और एक गार्ड को अपनी जान गंवानी पड़ी। यही वजह है कि काम के दौरान सुरक्षा के माकूल इंतेजाम सुनिश्चित करने की मांग की लेकर दोपहर 12 बजे के बाद लोको पायलट व गाड्र्स ने टीओ नहीं उठाया और ड्यूटी पर भी नहीं गए। इससे रेलवे की परेशानी बढ़ गई क्योंकि प्रदर्शनकारी बिना सक्षम अधिकारी से बातचीत के शांत होने राजी नहीं थे। ऐसे में सूचना मिलने के बाद बिलासपुर से डीओएम को सड़क मार्ग से आना पड़ गया। शाम 5 पहुंच कर उन्होंने प्रदर्शनकारियों के बातचीत की इसके बाद ही कहीं जाकर देर शाम मामला शांत हो सका।