उद्योगों के लिए आठ गांवों की जमीन चयनित

बीना 6 फरवरी (वेदांत समाचार)। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआइडीसी) ने उद्योगों के लिए जमीन चिन्हित कर ली है। तीन माह चले सर्वे के बाद एमपीआइडीसी के अधिकारियों ने जमीन की उपलब्धता के साथ पानी, पहुंच मार्ग जैसे अत्यावश्यक कारकों का पता लगाने के बाद प्रस्ताव एसडीएम को दिया। एसडीएम कार्यालय से जमीन हस्तांतरण के लिए फाइल कलेक्टर को भेजी गई है। लंबे समय से इंडस्ट्रियल हब बनने की बाट जोह रहे बीना में धीरे-धीरे उद्योग, धंधों के लिए माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। एमपीआइडीसी ने जुलाई, अगस्त तथा सितंबर माह में बीना सहित खुरई और मालथौन में औद्योगिक क्लस्टर डेवलप करने के लिए जमीन की तलाश की।

राजस्व विभाग कर्मचारियों के साथ मिलकर शासकीय भूमि का सर्वे किया। अकेले बीना ब्लाक में संयुक्त टीम ने 20 से 25 गांवों का दौरा कर जमीन और उद्योग के लिहाज से व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। ऐसे ही खुरई व मालथौन में जमीन तलाशी गई। लंबे चिंतन के बाद विभाग के अधिकारियों ने बीना, मालथौन व खुरई तहसील अंतर्गत निश्चित गांवों में जमीन उपलब्ध कराने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र दिया। एमपीआइडीसी से प्रस्ताव मिलने के बाद जमीन हस्तांतरण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई।

ज्यादातर स्थानों पर अतिक्रमण

विभाग ने जिन-जिन स्थानों, गांवों में जमीनें देखीं, वहां शासकीय भूमि पर अतिक्रमण मिला। हालांकि राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण मुक्त जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। एमपीआइडीसी के अधिकारियों ने बीना ब्लाक में देवल, कोंरजा, मुहांसा, सतौरिया, रुसल्ला शेख, बम्होरी शेख, बिहरना, ढांड़, चमारी, भैंसवाहा, देहरी, हिन्नाौद, गिरौल, बगसपुर, लखाहार, बेसरा कसोई, धरमपुर, पुरैना, हांसुआ, करोंदा, सलीता, रमपुरा, छायनकाछी, पिपरासर, बरोदिया, बम्ळोरी केला, पटकुईं, महूटा, हरदौट स्थित शासकीय जमीनों का सर्वे किया था।

सड़क, बिजली, पानी देखने के बाद जमीन फाइनल

विभाग ने जमीन की उपलब्धता के साथ सड़क, बिजली, पानी जैसी अत्यावश्यक बिंदुओं पर भी फोकस किया है। एमपीआइडीसी के सहायक यंत्री जेपी गुप्ता ने बताया कि जमीनों का प्रस्ताव बनाकर एसडीएम कार्यालय में दिया गया, जहां से संभवतः फाइल भू हस्तांतरण के लिए कलेक्टर कार्यालय भेज दी गई है। सतौरिया, लखाहार, सिरचौंपी व अन्य कुछ गांव इनमें शामिल हैं।

सरकार ने बनाया था लैंड बैंक

उद्योग, धंधों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार ने लैंड बैंक बनाया था। जहां-जहां जमीन आरक्षित की थी, वह भी इन दिनों अतिक्रमण की जद में हैं। राजस्व अधिकारी, कर्मचारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसी ही अतिक्रमण वाली जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में एक युवक की हत्या भी हो चुकी है।

बेरोजगारी होगी कम, बढ़ेगी आय

वर्तमान में बीना में औद्योगिक केंद्र विकास निगम तथा जिला उद्योग व्यापार केंद्र के दो इंडस्ट्रियल एरिया हैं। दोनों में प्लाटों की बुकिंग पूरी है और जगह नहीं होने के कारण नई कंपनियों को प्लाट आवंटित नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए एमपीआइडीसी नये क्लस्टर के लिए जमीन तलाश रहा है। रिफाइनरी, जेपी पावर प्लांट के बाद सहयोगी उद्यमों के लिए कई कंपनियों ने मप्र सरकार से जमीन की डिमांड रखी है। उद्योग विकसित होने से बेरोजगारी कम होगी व लोगों की आय बढ़ेगी।