लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. स्वर कोकिला लता मंगेशकर की पहचान उनकी गायिकी से तो थी ही. लेकिन साथ ही वो क्रिकेट की भी बड़ी दीवानी थी. वो सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी जैसे क्रिकेटर्स की फैन थी. उनका सबसे मशहूर किस्सा 1983 में भारत की वर्ल्ड कप जीत से जुड़ा है. कपिल देव (Kapil Dev) की अगुवाई में भारत की टीम जब पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर स्वदेश लौटी, तो BCCI के पास उसे देने को पैसे नहीं थे. ऐसे में लता मंगेशकर ने ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड की मदद की थी. इस किस्से का जिक्र उस वर्ल्ड कप में खेलने वाले ऑलराउंडर और सबसे सफल गेंदबाजों में एक कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने किया है.
लता मंगेशकर ने तब एक स्पेशल कॉन्सर्ट किया था, जिसमें उन्होंने भारत विश्व विजेता गाना गाया था. इस कॉन्सर्ट में लता जी को सुरेश वाडेकर और दूसरे संगीत से जुड़े लोगों का भी साथ मिला था. जब ये कॉन्सर्ट खत्म हुआ तो इससे 20 लाख रुपये आए और फिर सभी खिलाड़ियों को 1-1 लाख रुपये मिले. बताया जाता है कि लता मंगेशकर ने इस कॉन्सर्ट के लिए एक रुपया भी चार्ज नहीं किया था.
लता जी के कॉन्सर्ट का किस्सा कीर्ति आजााद ने किया बयां
कीर्ति आजाद ने उस कॉन्सर्ट को याद करते हुए बताया, “तब बीसीसीआई पर 2 या 3 करोड़ रुपये का कर्जा था. ऐसे में खिलाड़ियों के पुरस्कार के लिए पैसे नहीं थे. बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष राज सिंह डूंगरपुर ने लता मंगेशकर से बात की. लताजी मान गई. तय हुआ कि सितंबर में लता मंगेशकर नाइट करेंगे. बाद में लताजी मुंबई आईं और ताज पैलेस होटल में रुकीं. टीम भी वहीं पर ठहरी हुई थी. इस कॉन्सर्ट में लक्ष्मी कांत प्यारेलाल, नितिन मुकेश, कविता कृष्णमूर्ति जैसे दिग्गज भी शामिल थे. कंसर्ट से पहले लताजी ने हम सबको प्रैक्टिस के दौरान बुलाया. सबसे उनके पसंदीदा गाने के बारे में पूछा और कहा कि वह स्टेज पर उसे गाएंगी.”
‘आ लग जा गले’… कीर्ति आजाद ने किया था इस गाने का निवेदन
कीर्ति आजाद ने अपने पसंदीदा गाने के बारे में पूछने पर लता मंगेशकर से कहा कि आपके सारे गाने अच्छे हैं. लेकिन ‘आ लग जा गले’ गाने का निवेदन किया. आजाद के अनुसार, मैंने ‘आ लग जा गले’ गाने की विनती की. इस पर लताजी हंस दी. उन्होंने कहा कि यह गाना वह खूब गाती हैं और सब इसके बारे में ही कहते हैं. फिर कंसर्ट में पहला गाना ही ‘आ लग जा गले’ गाया. यह देखकर मैं खुश हो गया. फिर हम सब लोग स्टेज पर गए. वहां लताजी मुझे देखर हंस दीं.
कीर्ति आजाद बताते हैं कि लता मंगेशकर को क्रिकेट का बहुत शौक था. वह मैच देखती थीं. स्कोर जानती थीं. खेल के बारे में पूछा करती थीं. आखिरी बार उनसे सात-आठ साल पहले मुलाकात हुई थी. तब भी वह देखते ही पहचान गई थीं.
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