पीएम मोदी ने ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ का किया शुभारंभ, कहा- भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करना जारी रखेगा संस्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तेलंगाना (Telengana) की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) के दौरे पर हैं. शनिवार को पीएम मोदी शहर के पाटनचेरु में ‘इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स’ (ICRISAT) परिसर पहुंचे. उन्होंने यहां पर ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ का शुभारंभ किया. पीएम मोदी ICRISAT परिसर में प्रदर्शनी का लुत्फ भी उठाया. उनके साथ तेलंगाना के गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) भी मौजूद हैं.

पीएम मोदी ने पौधा संरक्षण पर ICRISAT के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और ICRISAT की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने ICRISAT के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया और इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया. बता दें कि ICRISAT एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया (Asia) और उप-सहारा अफ्रीका (Sub-Sahara Region) में विकास के लिए कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करता है.

स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ का अनावरण करेंगे पीएम मोदी
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति मेंहैदराबाद में ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ प्रतिमा का अनावरण कर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी 216 फुट ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ प्रतिमा का अनावरण करेंगे. यह प्रतिमा 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है.

यह प्रतिमा ‘पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है. यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है. पीएमओ के मुताबिक यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है. इसमें वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो संत रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं. इस प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयार स्वामी ने की है.

कार्यक्रम के दौरान संत रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन किया जाएगा. प्रधानमंत्री 108 दिव्य देशम (सजावटी रूप से नक्काशीदार मंदिर) के समान मनोरंजनों का भी दौरा करेंगे जो ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी’ के चारों ओर बने हुए हैं. श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था. ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’ का उद्घाटन, रामानुजाचार्य की वर्तमान में जारी 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोह का एक भाग है.