बसंत पंचमी के बाद इस दिन होगा अबूझ मुहूर्त, बगैर सोचे समझे किसी का भी कर सकते हैं विवाह

फरवरी में विवाह (Marriage) के कई मुहूर्त हैं, लेकिन 5 फरवरी का मुहूर्त बेहद शुभ है क्योंकि इस दिन बसंत पंचमी (Basant Panchami) है और बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त (Aboojh Muhurat) होता है. यानी इस दिन किसी का भी विवाह करने के लिए शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं होती क्योंकि ये पूरा दिन बेहद शुभ माना जाता है. अगर आप भी किसी अपने की विवाह तिथि को लेकर संशय में हैं तो बसंत पंचमी का दिन बगैर सोचे समझे चुन सकते हैं. बसंत पंचमी के बाद दूसरा अबूझ मुहूर्त फुलेरा दूज (Phulera Dooj) को पड़ेगा. मांगलिक कार्यों के लिहाज से दोनों ही दिन काफी शुभ माने जाते हैं.

इन दोनों ही दिनों में कई जगह संस्थाएं सामूहिक विवाह का भी आयोजन करती हैं. फुलेरा दूज फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पड़ती है. इस बार फुलेरा दूज 4 मार्च 2022 को शुक्रवार के दिन पड़ेगी. यहां जानिए बसंत पंचमी और फुलेरा दूज से जुड़ी खास बातें.

बसंत पंचमी को इसलिए माना जाता है शुभ

बसंत पंचमी, बसंत ऋतु का पहला दिन होता है. बसंत आते ही शीत ऋतु समाप्त हो जाती है. बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती भी प्रकट हुई थीं. इस दिन लोग माता सरस्वती की पूजा करते हैं. लेकिन बसंत के सुहाने मौसम के अधिदेवता भगवान श्रीकृष्ण हैं. इस मौसम में पक्षियों में कलरव, भौरों की गुंजन, पुष्पों की मादकता से युक्त वातावरण रहता है. बसंत पंचमी के दिन से ही ब्रज में होली के पर्व की शुरुआत होती है. फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन के साथ इस पर्व का समापन होता है. इस मौसम में प्रकृति पीले रंग से खुद का शृंगार करती है. हर तरफ खुशहाली लाने वाले इस मौसम का आगाज बसंत पंचमी से होता है, इसलिए बसंत पंचमी को बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य बगैर सोचे समझे किया जा सकता है.

फुलेरा दूज की शुभता की वजह भी जानिए

होलिका दहन से कुछ दिन पहले फुलेरा द्वितीया मनाया जाता है, जिसे सामान्य भाषा में लोग फुलेरा दूज कहते हैं. ब्रज क्षेत्र में इस दिन भगवान कृष्ण के सम्मान में बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है. मंदिरों को सजाया जाता है. भगवान की पूजा की जाती है. राधा-कृष्ण का फूलों से विशेष शृंगार किया जाता है. फूलों की रंगोली भी बनाई जाती है. इस दिन ब्रज में फूलों की होली खेली जाती है. भगवान को विशेष व्यंजन का भोग लगाकर प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है.  मान्यता है कि इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह करने की जरूरत नहीं होती. ये दिन इतना शुभ है कि आप इस दिन कोई अच्छा काम कर सकते हैं. यही वजह है कि फुलेरा दूज को विवाह के अबूझ सावे के तौर पर गिना जाता है और इस दिन रिकॉर्ड तोड़ शादियां की जाती हैं.