‘हम अलग-थलग नहीं हैं, पड़ोसियों संग अच्छे रिश्ते…’, राहुल के पाक-चीन वाले बयान पर पूर्व विदेश मंत्री का पलटवार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से संसद में बुधवार को पाकिस्तान और चीन (China-Pakistan) के करीब आने और भारत की विदेश नीति पर जिस तरह के सवाल खड़े किए गए उसके बाद लगातार सरकार की तरफ उस बयान की आलोचना की जा रही है. इस बीच, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह (Former Minister Natwar singh) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हैरान जताई है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है कि किसी ने सरकार की तरफ से राहुल गांधी को यह याद नहीं दिलाई कि जो उन्होंने कहा वह ठीक नहीं है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से संसद में बुधवार को पाकिस्तान और चीन (China-Pakistan) के करीब आने और भारत की विदेश नीति पर जिस तरह के सवाल खड़े किए गए उसके बाद लगातार सरकार की तरफ उस बयान की आलोचना की जा रही है. इस बीच, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह (Former Minister Natwar singh) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हैरान जताई है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है कि किसी ने सरकार की तरफ से राहुल गांधी को यह याद नहीं दिलाई कि जो उन्होंने कहा वह ठीक नहीं है.

राहुल गांधी के सारे आरोप बेबुनियाद

इससे पहले, केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि राहुल गांधी के सारे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार गरीबों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है और चीन और पाकिस्तान को सबक सिखा रही है. जबकि, राहुल के बयान पर बीजेपी सांसद और प्रवक्ता जफर इस्लाम ने बातचीत में कहा क्योंकि कांग्रेस साफ हो रही है इस वजह से राहुल की बौखलाहट है ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा नहीं कर रहे बल्कि राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहे हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया राहुल का समर्थन

इधर, राज्यसभआ में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़ग ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया. जयशंकर की तरफ से राहुल के बयान पर उठाए गए सवाल के जवाब में खड़गे ने कहा- जयशंकर सरकार में रहने से पहले सेवा में थे, उन्होंने तब भी ऐसा कुछ नहीं कहा. यह विपक्षी कि जिम्मेदारी है कि वे खामियों को उजागर करे. खड़गे ने आगे कहा कि राहुल गांधी को 2 भारतीय का मतलब है- एक अमीरों के लिए और दूसरा गरीबों के लिए. यह खाई बढ़ती जा रही है. इसे घटाने का कोई प्रावधान नहीं है. एक तरफ देश की 30 फीसदी संपत्ति का देश के 100 लोग मालिक है.