कर्नाटक (Karnataka) में भद्रावती के गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज में छात्रों के हिजाब (Hijab) पहनने पर कुछ छात्रों ने उनका विरोध किया. बता दें कॉलेज में छात्रों ने भगवा स्टोल पहनकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं इसको लेकर प्राचार्य एमजी उमाशंकर ने कहा, यूनिफॉर्म की बात करें तो कॉलेज में सब समान हैं, इसमें कोई भेदभाव नहीं.कर्नाटक के भद्रावती में कॉलेज में छात्रों के हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के बीच इसी तरह का एक मामला कुंडापुर में भी सामने आया है. दरअसल, उडुपी से 40 किलोमीटर दूर कुंडापुर के एक कॉलेज में बुधवार को कुछ छात्राएं जब हिजाब पहनकर पहुंची तो इसके जवाब में करीब 100 लड़कों ने केसरिया शॉल ओढ़कर इसका विरोध (Students Protest) किया.
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, कुंडापुर विधायक हलादी श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज के अधिकारियों और छात्रों के साथ बैठक की. इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई क्योंकि लड़कियों के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चों को हिजाब पहनने का अधिकार है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि छात्रों को एक समान वर्दी पहनने के नियम का पालन करना चाहिए.
क्लासरूम के अंदर हिजाब पहनने की मांगी अनुमति
बता दें कि इसी जिले में स्थित प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की एक छात्रा ने हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि उसे क्लासरूम के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए. अदालत में छात्रा रेशम फारूक की तरफ से उनके भाई मुबारक फारूक ने याचिका दायर की है.बता दें राज्य में हिजाब पहनने पर विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में हुई थी. राज्य के उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 7 छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया था.
सात मुस्लिम लड़कियों को प्रवेश से किया वंचित
याचिकाकर्ता ने कहा कि हिजाब पहनना छात्राओं का मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार का जिक्र संविधान के आर्टिकल 14 और 25 में किया गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी कहा गया है सभी छात्राओं को इजाजत दी जाए कि बिना स्कूल प्रबंधन को रोक-टोक क्लासरूम में हिजाब पहन सकें. बताया गया है कि उडुप्पी में स्थित कॉलेज ने 8 छात्राओं को क्लासरूम में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दी जबकि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म के मुताबिक है.इससे पहले, उडुपी के एक सरकारी कॉलेज ने छात्रों के कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सात मुस्लिम लड़कियों को प्रवेश से वंचित कर दिया गया.कर्नाटक HC में याचिका दायर कर छात्रों को कॉलेज प्रशासन के हस्तक्षेप के बिना हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति देने की मांग की गई है.
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