बिलासपुर, 2 फरवरी (वेदांत समाचार)। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को याचिका के माध्यम से बताया कि शासन ने पदोन्नति में प्रथम नियुक्ति की बजाय स्थानांतरण तिथि से पदोन्नति देने का फैसला किया है. जबकि ऐसा किया जाना विधि के खिलाफ है. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर कहा है कि याचिका पर अंतिम निर्णय पदोन्नति प्रक्रिया पर बाध्यकारी (interim order in teacher promotion case ) रहेगा.
याचिकाकर्ता के वकील की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि साल 2005 में कौस्तुभ पांडे की भर्ती शिक्षाकर्मी वर्ग-3 जनपद पंचायत पाली, जिला कोरबा पंचायत विभाग में हुई थी. साल 2007 में कौस्तुभ पाण्डेय का स्थानांतरण जनपद पंचायत मुंगेली, जिला बिलासपुर हुआ. 1 जून 2018 को याचिकाकर्ता का संविलियन पंचायत से शिक्षा विभाग में हो गया. 1 जनवरी 2022 को सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदन्नोति के लिए अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की गयी. शासन ने प्रमोशन में वरिष्ठता की गणना स्थानांतरण की तिथि से निर्धारित किया.
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय के अग्रवाल ने सहायक शिक्षक से शिक्षक के पदों पर हो रही पदोन्नति को याचिका के अंतिम आदेश से बाधित रखने का अंतरिम आदेश जारी किया है.
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