तेजप्रताप ने बजट के बहाने पीएम मोदी पर की अभद्र टिप्पणी, कहा- ये चाय भी खराब ही बनाते होंगे

लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने आम बजट (General Budget) पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर बजट के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. तेजप्रताप ने ट्वीट किया है बजट का तो रहने हीं दिजीए, ये आदमी चाय भी कतई घटिया बनाता होगा! पक्का. इस ट्विट के जरिए तेज प्रताप ने न सिर्फ बजट को बेकार करार दिया है, बल्कि तेजप्रताप यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व में चाय बेचने के उनके काम से जोड़ दिया है.

जहां तेजप्रताप ने बजट पर ट्वीट कर इस अंदाज में हमला बोला है. वहीं आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी बजट को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. उन्होंने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया और कहा कि बिहार के लिए ये बजट अत्यंत निराशाजनक है,

जगदानंद सिंह ने कहा है कि इसबजट से बिहार को कुछ नहीं मिला है. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जो बजट पेश किया है. वह हर बार झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. विशेष राज्य के दर्जा को लेकर जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि आखिर वह किसके सामने रोना रो रहे हैं, उनकी पार्टी खुद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल है, तो इस बात का दिखावा क्यों कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.

सीएम नीतीश कुमार ने बजट की तारीफ की

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम बजट की तारीफ की है और इसे सराहनीय बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है पिछले दो वर्षों से देश का आर्थिक विकास कोरोना महामारी के चलते प्रभावित रहा है. इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं वे सराहनीय हैं. देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है. राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है.

खेती का कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय सराहनीय

केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती का कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय सराहनीय है. इस बजट में धान एवं गेहूँ की अधिप्राप्ति को बढ़ाने के निर्णय से किसानों को काफी फायदा होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 80 लाख नए मकानों के निर्माण का निर्णय स्वागतयोग्य है. राज्य सरकारों को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रुप में इस वर्ष एवं अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी.इससे राज्य सरकारों की वित्तीय कठिनाईयां कम होंगी और राज्यों को राहत मिलेगी

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