फर्जी RT-PCR रिपोर्ट के चलते इलाज में हुई देरी, इंजीनियर की मौत; डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज

देश की राजधानी दिल्ली  के रोहिणी (Rohini) इलाके में फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट (Fake RTPCR Test Report) के चलते इलाज में हुई देरी से इंजीनियर की मौत होने का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार, प्रशांत विहार थाना पुलिस ने इस मामले में एक डॉक्टर समेत 2 लोगों के खिलाफ बीते शनिवार को ठगी की FIR दर्ज की है. वहीं, उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त उपशिक्षा निदेशक ने अपनी शिकायत में बताया है कि आरोपियों ने पीड़ित को फर्जी RTPCR रिपोर्ट दी, जिसके कारण अस्पताल में इलाज मिलने में हुई देरी से उन्होंने अपने पति को खो दिया.

दरअसल, जानकारी के मुताबिक, पुलिस अधिकारी के अनुसार रोहिणी सेक्टर-9 की रहने वाले 57 साल की राजकुमारी देवी ने बताया कि वह एडिशनल उपशिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, उनके पति सुंदर लाल टीपीडीडीएल में मुख्य अभियंता थे. इस दौरान पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि पिछले साल डॉक्टर हेमा के कहने पर उन्होंने आरटीपीसीआर और ब्ल़ड रिपोर्ट की जांच करवाई थी. वहीं, डॉक्टर हेमा की तरफ से भेजे गए देवेंद्र ने बीते 18 अप्रैल को महिला के सैंपल और 4 हजार रुपए लिए थे. लेकिन इसकी रसीद नहीं दी. इसक बाद रात को व्हाट्सएप पर निगेटिव रिपोर्ट भेज दी दो दिन बाद देवेंद्र ने सुंदरलाल के भी सैंपल और रुपए लेकर बाद में रसीद देने की बात कही. वहीं, देवेंद्र ने 23 अप्रैल को व्हाट्सएप पर डॉक्टर लालचंदानी लैब से निगेटिव रिपोर्ट दे दी.

ICMR की वेबसाइट पर रिपोर्ट करने पर फर्जी निकली RT-PCT रिपोर्ट

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता ने जब ICMR की वेबसाइट पर रिपोर्ट की SRF आईडी से जांच की तो पता चला कि RT-PCR रिपोर्ट फर्जी है. इस बीच पीड़ित सुंदरलाल की तबीयत अचानक तेजी से बिगड़ गई, जिसके चलते परिजनों ने उन्हें संजय गांधी अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा. इस दौरान वहां पर हुई जांच में पता चला कि सुंदरलाल कोरोना से संक्रमित है. ऐसे में देर से इलाज शुरू होने के कारण सुंदरलाल की हालत खराब होती गई और बीते 30 अप्रैल को उनकी मौत हो गई.

पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ दर्ज की FIR

वहीं, इस मामले में पीड़ित राजकुमारी देवी ने प्रशांत विहार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. इस दौरान उन्होंने बताया कि अगर रिपोर्ट सही होती तो उनके पति का सही समय पर इलाज शुरू हो सकता था, जिससे उनकी जान बचाई जा सकती थी. ऐसे में पीड़िता की शिकायत पर जांच-पड़ताल के बाद ACP की परमिशन मिलने पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.