ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) यूक्रेन (Ukraine) और रूसी सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर चर्चा के लिए अगले सप्ताह यूक्रेन की यात्रा करेंगे. जॉनसन यूक्रेन संकट पर राजनीतिक समाधान के लिए प्रयास जारी रखेंगे और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मुलाकात करेंगे, साथ ही आने वाले दिनों में क्षेत्र का दौरा भी करेंगे. जॉनसन ने इस हफ्ते चेतावनी दी थी कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. जॉनसन ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ एक वार्ता में भी हिस्सा लिया.
यूक्रेन मसले को लेकर यूरोप जॉनसन ने हाल ही में कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद सबसे ज्यादा तबाही होगी. पश्चिमी देश इस तबाही को रोकने के लिए पूरी तरह एकजुट हैं. जॉनसन ने कहा, ‘यूक्रेन के लोगों को अपने देश की रक्षा करने का नैतिक और कानूनी अधिकार है. मेरा मानना है कि यूक्रेनी एकजुट होकर किसी भी हमले का विरोध करेंगे. हालांकि, इस तबाही से किसी का फायदा नहीं होगा.’
रूस के संभावित हमले से मुकाबले के लिए ब्रिटेन ने यूक्रेन को बड़ी संख्या में अत्याधुनिक एंटी टैंक मिसाइलें और एंग्लो-स्वीडिश एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें सौंपी हैं. हालांकि मंत्रियों ने कहा है कि लड़ाकू सैनिकों की तैनाती की संभावना नहीं है. रूस की ओर से यूक्रेन की सीमा पर सबसे पहले टैंकों से हमले की आशंका है. यूक्रेन सीमा पर 1 लाख सैनिक, मिसाइलें, टैंक और युद्धक वाहन तैनात कर चुका है.
यूक्रेन के साथ ‘जंग’ पर पुतिन ने तोड़ी चुप्पी
यूक्रेन के साथ ‘जंग’ पर पुतिन ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अमेरिका और नाटो देशों ने यूक्रेन के साथ चल रहे गतिरोध पर रूस की मुख्य सुरक्षा मांगों का निपटारा नहीं किया है. यूक्रेन संकट शुरू होने के कई सप्ताह बाद पहली बार पुतिन ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के साथ फोन पर बातचीत के दौरान अपनी अपनी मांग दोहराई.पुतिन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब रूस की ओर से यूक्रेन की जोरदार घेराबंदी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्वी यूरोप में अतिरिक्त सेना को भेजने का ऐलान किया है.
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