इस बार कोरोना छाती को नहीं शरीर के इस हिस्से को कर रहा है प्रभावित, अगर ये लक्षण हैं तो सतर्क हो जाएं…!

कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है. हालांकि, दिल्ली समेत कई शहरों में कोरोना के केसों (Coronavirus Cases) में कमी भी आई है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं.   ओमिक्रॉन (Omicrom Cases) के मामले में भी काफी बढ़ गए हैं, लेकिन अभी तक सामने आया है कि कोरोना की इस लहर (Corona Third wave) में लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत कम पड़ी है. इस वजह से इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है. इसके बाद अब सवाल है कि जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को चेस्ट इंफेक्शन हुआ था, वैसे इस पर ज्यादा कौनसा अंग प्रभावित हो रहा है…

वैसे तो अभी तक तो ऐसे केस नहीं आए हैं कि जिससे पता चले कि इससे शरीर के किसी एक विशेष अंग पर काफी प्रभाव पड़ा है. तो आज डॉक्टर्स से जानते हैं कि आखिर ओमिक्रॉन में किस अंग पर असर पड़ रहा है और लोगों में किस तरह के लक्षण आ रहे हैं…

ओमिक्रॉन का शरीर में कहां हो रहा है असर?

ओमिक्रॉन के असर को लेकर एम्स भोपाल के डायरेक्टर और सीईओ डॉक्टर सरमन सिंह ने  बताया है, ‘ये अच्छी बात है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट लंग्स में नहीं जा रहा है, ये ऊपरी श्वांस नली, गले और नाक में ही अपने आपको लिमिट कर रहा है, इसकी वजह से ऑक्सीजन की जरूरत होना या आईसीयू में जाने की समस्या बहुत कम लोगों में हो रही है. इसके कई कारण हैं, एक तो यही है कि इस वेरिएंट की फैटलिटी कम है, दूसरी बात ये भी है कि हम लोग इतने वैक्सीनेट हो चुके हैं, तो वैक्सीन भी कहीं न कहीं हमारा बहुत बचाव कर रही है.

साथ ही डॉक्टर सरमन सिंह ने कहा है, ‘लक्षण की बात करें तो खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, कंधों, घुटनों में दर्द होना, ये ज्यादा हो रहा है. दूसरीलहर में डेल्टा वेरिएंट से जो दिक्कतें हुई थीं, उस तरह की चीजें इसमें नहीं हो रही हैं.’

क्या खतरनाक नहीं है ओमिक्रॉन

इस पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है ओमिक्रॉन कोरोना के डेल्‍टा वेरिएंट के मुकाबले कम गंभीर है, लेकिन यह पिछले स्‍ट्रेन की तरह बीमारी को गंभीर बना सकता है. कोरोना के पिछले स्‍ट्रेन से सबक लेते हुए ओमिक्रॉन को कम नहीं आंका जा सकता. ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले मरीजों में बीमारी के गंभीर होने का खतरा है. ए‍सिम्‍प्‍टोमैटिक यानी लक्षणों के रूप में न दिखने वाला संक्रमण गंभीर बीमारी या मौत में तब्‍दील हो सकता है. जो लोग पहले से बीमार हैं, उम्र ज्‍यादा है या वैक्‍सीन नहीं ली है उसमें ओमिक्रॉन के गंभीर होने का खतरा ज्‍यादा है.

ओमिक्रॉन हर इंसान को एक बार संक्रमित जरूर करेगा?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, संक्रमण फैलाने के मामले में ओमिक्रॉन कोरोना के खतरनाक वेरिएंट को भी पीछे छोड़ते हुए नजर आ रहा है. यह बहुत शक्तिशाली तरीके से लोगों के बीच फैल रहा है. दुनियाभर में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हर इंसान इससे संक्रमित हो जाएगा. अलर्ट रहना जरूरी है. WHO पहले भी बयान दे चुका है कि शुरुआती प्रमाण बताते हैं कि वर्तमान में मौजूदा वैक्‍सीन ओमिक्रॉन को फैलने से रोकने में कम असरदार साबित हो सकती हैं. इसलिए मरीजों में रीइंफेक्‍शन का खतरा ज्‍यादा रहता है.

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