difference between republic day and independence day 2022: प्रत्येक भारतीय के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण दिन 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस है. स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से देश की स्वतंत्रता मिली थी. गणतंत्र दिवस को भारत का संविधान लागू किया गया था. हर नागरिकों को उनका हक मिल सके उनके हित के लिए संविधान को पूरे भारत में लागू किया गया था. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस इन दोनों खास दिनों पर तिरंगा फहराया (Flag Unfurling) जाता है. लेकिन इन दोनों दिनों को मनाने का तरीका अलग है नियम अलग है. आइए जानते हैं कि इन दोनों दिनों को कैसे अलग-अलग नियमों के साथ मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस (republic day) पर, देश के पहले नागरिक यानी कि राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में शामिल होकर झंडा फहराते हैं. यह राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर मनाया जाता है, इसके बाद परेड, राज्यों की झांकी, तोपखाने का प्रदर्शन आदि होते हैं. वहीं स्वतंत्रता दिवस (independence day) पर समारोह नई दिल्ली के लाल किले में होता है और उसके बाद प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं राष्ट्र के नाम संबोधित करते हैं.
जानें दोनों दिवस पर झंडा फहराने के क्या हैं नियम
1.तिरंगे को फहराने के तरीके में भी फर्क होता है. 15 अगस्त को तिरंगे को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है.
2. 15 अगस्त को तिरंगे का ध्वजारोहण (Flag Hoisting) किया जाता है.
3. गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बंधा होता है इसे वहीं खोलकर फहराया जाता है.
4. गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराना कहा जाता है. न कि ध्वजारोहण. लेकिन आम बोलचाल में अक्सर हम झंडा फहराना ही इस्तेमाल करते हैं. जो की गलत है.
5. गणतंत्र दिवस (republic day) पर राष्ट्रपति झंझा फहराते हैं.
6.स्वतंत्रता दिवस (independence day) पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं.
7. गणतंत्र दिवस (republic day) पर राजपथ पर झंडा फहराया जाता है.
8.स्वतंत्रता दिवस लाल किले पर झंडा ध्वजारोहण किया जाता है.
9. राष्ट्रपति एक संवैधानिक पद पर होते हैं और संविधान लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ था.
10. प्रधानमंत्री एक राजनैतिक पद पर होते हैं.
गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने का कारण ये भी है कि राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख पद पर होते हैं. भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. इस दिन देश को पहले प्रधानमंत्री मिले थे. डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था.
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