असम (Assam) के सिलचर (Silchar) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी कहेंगे ये क्या? जिस इंसान को साल 2017 में अवैध प्रवासी घोषित किया कर दिया गया था, उसे 5 साल बाद भारतीय नागरिकता मिली है. जी हां, हम बात कर रहे हैं असम निवासी शेफाली रानी दास (Shefali Rani Das) की. शेफाली (लखी दास की बेटी) वह कछार जिले के सोनाई विधानसभा क्षेत्र के मोहनखाल गांव की रहने वाली हैं. 2015 में उनके खिलाफ नागरिकता पर सवाल उठाने का मामला दर्ज किया गया था. सिलचर के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल कोर्ट (Silchar’s Foreigners Tribunal) ने शेफाली को एक नोटिस भेजा और उसे अपनी भारतीय पहचान साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ पेश होने को कहा था.
शेफाली अदालत के सामने पेश हुईं. इसके लिए उन्होंने एक वकील को भी नियुक्त किया. ट्रिब्यूनल कोर्ट ने आगे की डेट दे दी. मगर शेफाली के वकील को जिस दिन अदालत के सामने पेश होना था वह नहीं हुए. ऐसा कई बार हुआ. तारीख के समय शेफाली के वकील कोर्ट में पेश नहीं होते थे. इतनी ही नहीं उनके (शेफाली) वकील ने इस मामले में शेफाली से बात तक नहीं की. नतीजतन 19 सितंबर 2017 को शेफाली एक घोषित विदेशी बन गईं.
ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती
2017 की ट्रिब्यूनल कोर्ट की राय को पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय (Gauhati high court) में चुनौती दी गई थी और शेफाली को अपनी पहचान साबित करने का एक और मौका मिला था. उसने अब ट्रिब्यूनल कोर्ट के सामने अपना दावा साबित कर दिया है और फिर से भारतीय नागरिक बन गई है. अधिवक्ता बी.पी. सिन्हा ने पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय में शेफाली दास की ओर से ट्रिब्यूनल कोर्ट की 2017 की राय को चुनौती दी थी.
हाई कोर्ट ने माना कि शेफाली दास द्वारा किए गए दावे सही हैं और पिछले साल 20 जुलाई को सिलचर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल को इस मामले फिर से सुनवाई करने के लिए कहा गया. सिलचर कोर्ट के जज धर्मानंद देब ने मामले में फिर से सुनवाई की और इस साल 17 जनवरी को शेफाली फिर से भारतीय पहचान मिल गई है.
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