दर्रीघाट में हुए दिन दहाड़े सशस्त्र डकैती गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस को मिली सफलता ,4 गिरफ्तार

विनीत चौहान, बिलासपुर,22 जनवरी (वेदांत समाचार)। कांग्रेस के पदाधिकारी एवं दर्रीघाट निवासी टाकेश्वर पाटले के घर में सात सदस्यीय सशस्त्र डकैतों ने उनके घर में उपस्थित महिलाओ बच्चों एवं अन्य सदस्यों को बंधक बनाते हुए कट्टे एवं चाकू की नोक पर दहशतगर्ती फैलाते हुए दिन दहाड़े डकैती वरदात को कारित करते हुए नगदी रकम लगभग 2.50लाख रूपये एवं सोने चांदी के आभूषण लूटकर फरार हो गए। दिन दहाड़े हुई सशस्त्र डकैती को घटना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्रीमति पारूल माथुर (भा.पु.से.) अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा थाना मस्तुरी के स्टाफ के साथ अविलंब घटनास्थल पर मुआयना हेतु पहुंची तथा घटना के संबंध में आवश्यक जानकारी हासिल करते हुए उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को घटना में शामिल डकैतों की पहचान कर आवश्यक जांच करते हुए वैधानिक कार्यवाही करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया तथा घटना की जानकारी पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रतन लाल डांगी (भा.पु.से.) को अवगत कराते हुए स्वंय भी घटना के जांच की बारिकियों पर नजर रख रहे थे, घटना की जानकारी होने पर बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी भी तत्काल घटना स्थल पहुंच कर घटना स्थल की बारिकियों से निरीक्षण कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमति पारूल माथुर के साथ मिलकर प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करने एवं आरोपियों की पता साजी एवं अनुसंधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सनसनीखेज डकैती की वारदात में शामिल आरोपीयों की पहचान एवं वैधानिक कार्यवाही हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षिका बिलासपुर द्वारा अति.पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रोहित झा, अति पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कुमार कश्यप, अतिपुलिस अधीक्षक सुश्री गरिमा द्विवेदी के नेतृत्व में 10 अलग-अलग टीमें गठित कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।

अनुसंधान के दौरान एक टीम जिसमें अति.पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एवं अति.पुलिस अधीक्षक (शहर) के साथ निरीक्षक प्रदीप आर्य, उनि पारस पटेल, उनि फैजूल शाह, उनि शांत साहू एवं हमराह स्टाफ के द्वारा डकैतो के आगम एवं घटना कारित कर निर्गम के रास्तों को चिन्हीत करने हेतु विभिन्न संभावित मार्गो के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई जिसमें सात आरोपी तीन मोटरसायकल में सवार होकर आते हुए एवं घटना कारित कर जाते हुए दिखे सीसीटीवी फुटेज को पीड़ित परिवार के सदस्यों को दिखाकर तस्दीक कराया जाकर उनके हुलिया को पहचाना गया। आगम एवं निर्गम मार्गो के पहचान उपरांत गठित टीम के सदस्यों द्वारा आस-पड़ोस के जिलों में योजनाबद्व तरीके से जांच – पड़ताल कर आरोपीयों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारीयां एकत्रित की गई है। इस दौरान 1000 से अधिक एवं 100 से अधिक गांव के साथ-साथ विभिन्न हाईवे मार्ग एवं राजकिय मार्गों के साथ-साथ लगे विभिन्न प्रतिस्ठानों/दुकानो/मकानों मंे लगे 1000 से अधिक सीसीटीवी फुटेज तस्दीक किये गये एवं कुछ स्थानों से आरोपी के संबंध में फुटेज प्राप्त किये गये उनसे प्राप्त सीसीटीवी फुटेज को अन्य टीमों को साझा किया गया।

दुसरी टीम जो कि अति.पुलिस अधीक्षक गरिमा द्विवेदी के नेतृत्व में निरी. प्रकाश कांत ,asi हेमंत पाटले एवं मस्तुरी के स्टाफ के द्वारा लगातार पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर आरोपियो के संबंध में एवं स्थानीय बोली भाषा में किये गये वार्तालाप के माध्यम से भी अहम जानकारी जुटाई जा रही थी, साथ ही घटना में आरोपियों के हुलिया के संबंध मे जानकारी, प्रयुक्त वाहन की जानकारी, पहने हुए कपड़े की जानकारी प्राप्त की गई साथ ही प्राप्त फुटेज को पीड़ित परिवार एवं गवाहों को दिखाकर आरोपीयों को चिन्हाकिंत किया गया। तीसरी टीम निरी. हरविंदर सिंह के नेतृत्व में उनि फैजूल शाह एवं उनि एस.पी चतुर्वेदी एवं आरक्षक हेमंत सिह, आर. सरफराज, एवं आर. तरूण केसरवानी, आर. सोनु पाल, आर. बलवीर व हमराह स्टाफ के लिए लगाई गई थी जिसका काम मस्तुरी इलाको के पूर्व आरोपियों के संबंध में जो डकैती, लूट एवं हत्या के आरोप में जेल में निरूद्व थे उनके वर्तमान उपस्थिति के संबंध में जानकारी हेतु लगाया गया था इस टीम के साथ लगे स्टाफ के माध्यम से एक अहम जानकारी प्राप्त हुई की मस्तुरी के गतौरा ग्राम के डकैतो के आरोप में जेल गये आरोपी कुछ माह पूर्व ही जेल से छुटे हैं एवं कुछ दिनों से घर से बाहर होना बताया जा रहा है, जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल एक टीम पूर्व आरोपियों के संबंध में फोटो, पहचान एवं परिवार के बारे में अद्यतन जानकारी एकत्र करने हेतु लगाई गई जिनके द्वारा आरोपियों एवं उसके साथियों के बारे में अहम जानकारी दी गई। साथ ही टीम के द्वारा जेल से भी अहम जानकारी प्राप्त की गई ।

    घटना के अनुसंधान में लगी तकनीकी टीम निरीक्षक कलीम खान, उनि प्रभाकर तिवारी, उनि मनोज नायक, उनि सागर पाठक, आर. दीपक, आर. नवीन एक्का एवं अन्य स्टाफ के साथ मिलकर घटना स्थल से प्राप्त साक्ष्यों प्राप्त सीसीटीवी फुटेज, प्राप्त पूर्व अपराधिक रिकार्ड पीड़ित परिवार से प्राप्त जानकारी विभिन्न गवाहों के कथन घटना स्थल में पाये गये संदिग्ध एवं विवेचना एवं अनुसंधान से प्राप्त जानकारी के आधार पर तकनीकी विश्लेषण किया गया ।इस टीम के द्वारा आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करते हुए घटना में शामिल सभी आरोपीयों की पहचान एवं उनके संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने साथ ही  घटना में बनाई गई योजना एवं षड़यंत्र के रूप में शामिल आरोपियों के संबंध में आवश्यक जानकारी एवं साक्ष्य संकलन कर डकैतों के विषय में अहम तथा महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र कर अन्य टीमों को साझा कर रही थी।

इस दौरान समस्त टीमों के साथ ही पुलिस की चार अन्य टीमें प्रदेश के बाहर डकैतो के पतासाजी में सक्रीय रहे। घटना दिनांक से ही पुलिस अधीक्षक श्रीमति पारूल माथुर लगातार स्वंय सभी टीमो के साथ प्रतिदिन बैठक लेकर टीमों से उनके द्वारा किये गये कार्यो के संबंध में जानकारी प्राप्त कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दे रही थी सभी टीमों के आपसी समन्वय एवं समंजस्य से अलग अलग अहम जानकारी प्राप्त होती रही जिसे तकनीकी टीम ने एक दिशा में विश्लेषण कर आरोपीयों की पहचान एवं उसकी उपस्थिति सुनिस्चित कर दी ।
विवेचना के दौरान पाया गया कि प्रकरण कारित करने के पश्चात डकैतों द्वारा तीन मोटर सायकल में सवार होकर भागते हुए देखे जाने की तस्दीक की आसपास के गांव के स्थानिय लोगों से पूछताछ कर हासिल किया गया जिसमें एक महिला द्वारा इस बात की पुष्टी की गई की भागते समय डकैतों ने उससे रायगढ़ जाने का रास्ता स्थानिय भाषा में पूंछा गया था, साथ ही आरोपीयों के संबंध में जानकारी हेतु विभिन्न मकान दुकान मार्ग चौक चौराहा एवं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से 1000 से भी अधिक सीसीटीवी फुटेज में से आरोपीयों की पहचान प्राप्त कर ली गई थी जिसे विशेष सुत्रों एवं करीबीयों को दिखाकर उनके नाम एवं पहचान के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की गई साथ ही फिल्ड की टीम के द्वारा अहम जानकारी हासिल हुई कि उसमें से एक व्यक्ति ग्राम चिल्हाटी की तरफ शाम को लौटा है तथा अपने मकान में न रहकर गांव के बाहर अन्य मकान में रह रहा है।


विभिन्न प्राप्त सीसीटीवी फूटेज घटना स्थल से प्राप्त साक्ष्य गवाहों के कथन पीड़ितों द्वारा बताये गये आरोपीयों के हुलिए पूर्व अपराधिक रिकार्ड वाले व्यक्तियों की वर्तमान प्रकरण के समय पर अपने घर एवं दुकानों से अनुपस्थिती प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से आरोपीयों की पहचान के संबंध मंे अहम जानकारी मुखबीरो से मिली जानकारी घटना में प्रयुक्त वाहनों की वाहन स्वामी की जानकारी संदेही आरोपीयों के संबंधी द्वारा आरोपीयों की पहचान एवं उनका कथन एवं तकनीकी टीम के द्वारा आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से किये गये जटिल विश्लेषण से यह सुनिश्चित हो गया की यह घटना एक सुनियोजित योजना के तहत बदला लेने के इरादे कारित की गई है जिस पर सभी आरोपियो की पहचान एवं घटना में उनकी उपस्थित सुनिश्चित होने पर यह पाया गया की अजय ध्रुवे जो कि ग्राम लावर का रहने वाला है जिसके
अन्य माध्यम से प्राप्त जानकरी के अनुसार चिल्हाटी निवासी रमजान कुछ दिन पहले जेल से हत्या के आरोप में छुटा है तथा अपने मय सहयोगी आयुब खान के साथ तथा चार-पंाच अन्य बाहरी लोगों के साथ घटना के एक दिन पूर्व ग्राम चिल्हाटी में देखा गया जिसकी पूष्टी तकनीकी साक्ष्य के आधारों पर भी की गई एवं इनके अन्य सहयोगी डकैतों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर उनके आने-जाने के संदर्भ में तकनीकी रूप से डकैती में शामिल होने एवं घटना कारित करने के संबंध में पहचान कर चिन्हाकिंत किया गया तथा प्रदेश के बाहर के टीम को भी एलर्ट किया गया।


ग्राम चिल्हाटी के रमजान एवं आयुब खान को पहचान होने पर इनके बारे में बड़ी सूक्ष्मता के साथ जानकारी हासिल की गई जिसमें यह तथ्य सामने आय। सीसीटीवी फुटेज खबरों एवम पुलिस की लोकेशन प्रकाशित होने के कारण विवेचना के समस्त जानकारीयां लीक होने की वजह से ये दोनो गांव छोड़कर अन्यत्र कंही चले गये हैं साथ ही साथ पत्र-पत्रिकाओं में छपि भ्रामक एवं तथ्यहीन खबरों के कारण गिरोह के बाहरी सदस्य चिन्हींत होने के बावजूद तकनीकी रूप से जानकारी एकत्रित करना दुर्लभ हो गया था तथापि टीम के सदस्यों ने पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के कुशल निर्देशन में अपना मनोबल एवं हौसला दुरूस्त रखते हुए डकैतों का पीछा करना जारी रखा, डकैत बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे फिर भी पुलिस की चार टीमें इनके छिपने के सम्भावित ठिकानें के आसपास नजर रखे हुई थी एवं स्थानिय पुलिस एवं लोगों से मदद हासिल कर अपना आत्मविश्वास बनाये रखा था।


उड़ीसा की ओर से पीछा कर रहे निरीक्षक कलीम खान ,उप निरीक्षक मनोज नायक ,सागर पाठक, फैजुल शाह ,शांत साहू के नेतृत्व वाली टीम जबकी रायगढ़ और जांजगीर का नेतृत्व निरीक्षक प्रदीप आर्य की टीम के द्वारा संयुक्त तगड़ी घेरा-बंदी कर लगातार पीछा करने की वजह से घटना में शामिल छोटू सिंह पिता बबलू सिंह उम्र 23 साल ग्राम बसंती कालोनी वार्ड नंबर 09 उदीतनगर जिला सुंदरगढ़ तथा आनंद टोप्पो पिता सुशील टोप्पो साकिन मालगोदाम बस्ती वार्ड नंबर 10 जिला सुंदरगढ़ उड़ीसा को धर-दबोचा ।


पकड़े गये दोनो आरोपीयों ने पूछताछ दौरान बाताया कि अजय ध्रूव पिता अमर सिंह ध्रुव जो कि घटनास्थल के समीप ग्राम लावर मस्तूरी का निवासी है जो कि 2017 में एक प्रकरण में अपने माता एवं पिता के साथ जेल में निरूद्ध रहा है ।आरोपी अजय ध्रूव को यह जानकारी प्राप्त थी कि जिस प्रकरण में उसे जेल भेजा गया है उसमें उसके विरुद्ध रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति का मदद एवं उसे जेल में जाने में टाकेश्वर पाटले जो कि इस दर्रीघाट प्रकरण का प्रार्थी है के द्वारा उसे जानबूझकर योजना बनाकर कर जेल भेजवाया है इसलिए आरोपी अजय कुमार ध्रुव ने टाकेश्वर पाटले से बदला लेने की नीयत से एक योजना बनाई और योजना के लिए जब अजय ध्रूव जेल में निरुद्ध था उसी दौरान सरकंडा हत्या के प्रकरण में जेल में निरुद्ध रमजान उर्फ उर्फ बल्ला जोकि चिंगराजपारा का रहने वाला है के द्वारा जेल के अंदर ही उससे अच्छी दोस्ती कर प्रार्थी से बदला लेने की नीयत से एक योजना बनाई जब सभी जेल से बाहर आ गए तब रमजान उर्फ बल्ला के द्वारा अजय कुमार ध्रुव के साथ डकैती करने के लिए दिन एवं स्थान सुनिश्चित करने का आपस में समन्वय स्थापित कर योजना बनाएं


इस दौरान दोनों की आपस में बातचीत हुई रमजान एवं डकैतों को घटना में शामिल करने के लिए रमजान उर्फ बल्ला ने रमजान चिल्हाटी को शामिल किया जो कि पूर्व में गतौरा डक़ैती में शामिल रहा है। मस्तूरी प्रकरण के आरोपी रमजान उर्फ बबलू एवं उसके उड़ीसा के साथियों को डकैती में शामिल किया जबकि अजय कुमार ध्रुव ने प्रार्थी के घर एवं उसके घर पर रहने ना रहने एवं परिवार के कितने लोग घर पर रहते हैं इसके संबंध में सभी जानकारी हासिल कर घटना कार्य करने का समय सुनिश्चित कर आरोपी को घटना कार्य करने के लिए योजना बना कर दिया आरोपी रमजान बल्ला के द्वारा डकैती करने के लिए अन्य लोगों के शामिल करने के लिए अन्य सदस्यों को जोड़ना प्रारंभ किया रमजान बल्ला के द्वारा अपने घर के बाजू रहने वाले पुस्तक दुकान में काम करने वाले अयूब पिता हनीफ ग्राम चिल्हाटी जो कि वर्तमान में उसके साथ चिंगराजपारा में उसके घर के बाजू निवास करता है को शामिल किया साथी गतौरा डकैती में वर्तमान में जेल से छुटे रमजान उर्फ़ बबलू को भी इस योजना में शामिल किया गया रमजान उर्फ बबलू उड़ीसा को मूलतः रहने वाला है के द्वारा उड़ीसा में अन्य मामलों में कुख्यात लोगों को इस प्रकरण में शामिल किया गया जोकि कई डकैती हत्या के प्रकरण में जेल जा चुके हैं इसके लिए बल्लु उर्फ रमजान के द्वारा उड़ीसा जाकर अपने साथी दुर्गेश के साथ जाकर अनिल शाह , माइकल उर्फ राहुल सिंह ,टोनी उर्फ आनंद टोप्पो आदि को शामिल किया साथ ही रमजान ने ग्राम सिमरिया के एक अन्य साथी तुलसी भारती को भी रायगढ़ बुलाया ।सभी वहां से योजनाबद्ध तरीके से उड़ीसा से रायगढ़ पहुंचे जहां पर रायगढ़ में एक ही स्थान पर उड़ीसा से आए रुपेश ग्रुप दुर्गेश, रमजान उर्फ बबलू ,अनिल साय, टोनी उर्फ आनंद टोप्पो माइकल उर्फ राहुल सिंह एवं तुलसी भारती वहां पर पहुंचे जबकि चिल्हाटी से रमजान उर्फ बल्ला एवं अयूब योजनाबद्ध तरीके से योजना के मुताबिक रायगढ़ पहुंचे जहां पर सभी घटना में शामिल डकैत एवं योजना में शामिल दुर्गेश भी वहां उपस्थित रहा जहां पर इन लोगों ने पूरी घटना को कार्य करने का योजना बनाया बात योजना के मुताबिक सभी चिल्हाटी 12 तारीख को रात्रि पहुंचे जहां पर चिल्हाटी में रमजान उर्फ बबलू के निवास के बाहर रुक कर वहां खाना-पीना किए एवं रात्रि विश्राम कर अजय कुमार ध्रुव से बातचीत कर अगले दिन 13 तारीख को सुबह योजनाबद्ध तरीके से ग्राम चिल्हाटी से रवाना होकर 3 वाहनों में अलग-अलग 7 लोग घटना कार्य करने के लिए चिल्हाटी से रवाना होकर ग्राम दर्रीघाट पहुंचे जहां पर उन्होंने घटना को कारित कर ग्राम दर्रीघाट से होते हुए कोटमी सुनार रोते हुए वापस अलग-अलग स्थानों से भाग गए इस पूरे प्रकरण में पाया गया कि अजय कुमार ध्रुव जोकि अपने माता पिता का अपने साथ जेल गया था उसे इस बात का मलाल था और वह क्षुब्ध था कि उसे टाकेशर पाटले ने फसा दिया है और वह इसी कारण से पाटले से बदला लेने की नियत से उसने रमजान उर्फ बल्ला के साथ मिलकर टाकेशर पाटले के यहां डकैती करवाने का षड्यंत्र रचा ।


इस संबंध में टाकेश्वर पाटले के संबंध में पूरी जानकारी उसने डकैती में शामिल लोगो की दी थी। अजय कुमार ध्रुव को जब पुलिस के द्वारा लाया गया तो पुलिस को अजय कुमार ध्रुव एवं रमजान उर्फ बल्ला के साथ आपस में बातचीत के रिकॉर्डिंग के प्रमुख अंश प्राप्त किये जो कि सूचित करते थे कि घटना बदला लेने की नीयत से अपने माता-पिता के जेल जाने से आक्रोशित होकर अजय कुमार ध्रुव ने इस घटना को करवाने हेतु डकैतों को शामिल कर डकैती डलवाई इससे यह साबित हो गया था कि इस प्रकरण में जिस तरीके से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे एवं प्रकरण को किसी दूसरी दिशा में ले जाने का प्रयास किया गया था लेकिन फिर भी पुलिस ने बिना किसी दबाव के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर के नेतृत्व में अपनी विवेचना की दिशा को न बदल कर विभिन्न स्रोतों से प्राप्त अहम जानकारी एवं विभिन्न टीमों से प्राप्त जानकारी को एकत्र कर आरोपी तक पहुंची एवं घटना को कार्य करने की योजना के प्रमुख कारणों को उनके द्वारा प्राप्त किया गया।


जनवरी माह में ही रमजान और आयुब को इस बात की पुख्ता जानकारी थी कि दर्रीघाट निवासी टाकेश्वर पाटले जो जमीन की खरीदी-बिक्री संबंधी काम करता है उसके पास बहुत सारा रूपया और सोना-चांदी मिल सकता है तथा वह घर मे कब रहता है और कब नही रहता है और घर में कौन-कौन से सदस्य रहते है इन सब की जानकारी स्थानिय होने के वजह से अजय ध्रुव ने कई बार रेकी किया था। छोटू सिंह एवं आनन्द टोप्पो के निशानदेही पर डकैती के प्रकरण में शामिल अन्य सदस्यों अजय कुमार ध्रुव पिता अमर सिंह ग्राम लावर थाना मस्तुरी जिला बिलासपुर तथा दुर्गेश ध्रुव पिता विजय ध्रुव उम्र 28 साल साकिन गणेश नगर नयापार थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर को धर-दबोचा गया जिन्होने घटना को रमजान, आयुब एवं माइकल के साथ मिलकर कारित करना स्वीकर किया । लागातर पुलिस की दबिश से डकैती के मास्टर माइंड रमजान सहित आयुब एवं माइकल वर्तमान तक पुलिस की पकड़ से बाहर है, जिन्हे एक टीम अभी तक पीछा कर रही है जिनके प्रयासों से इन्हें शीघ्र प्रकड़ कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

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