बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election) के लिए दूसरे चरण के 51 उम्मीदवार की सूची जारी की है. बीएसपी चीफ मायावती ने चुनाव के लिए नारा दिया है. ‘हर पोलिंग बूथ को जिताना है बीएसपी को सत्ता में लाना है’ का नारा देकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है.असल में बीजेपी ने इस बार चुनाव में ज्यादातर नए प्रत्याशियों पर दांव खेला है. क्योंकि पार्टी के ज्यादातर नेता चुनाव से पहले ही बीएसपी को छोड़कर अन्य दलों में चले गए हैं. लिहाजा बीएसपी ने नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. बुधवार को बीएसपी चीफ ने सात सीटों पर प्रत्याशियों को बदलने का ऐलान किया था. जबकि पहले चरण के लिए बीएसपी सभी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है.
अभी तक बीएसपी चुनाव प्रचार के लिए पूरी तरह से मैदान में नहीं उतरी है और अभी तक बीएसपी चीफ ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार शुरू नहीं किया है. जिसको लेकर आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाए थे. प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें इस बात में आश्चर्य हो रहा है कि आखिर मायावती चुनाव के दौरान एक्टिव क्यों नहीं है. फिलहाल आज बीएसपी ने दूसरे चरण के मतदान के लिए लिस्ट जारी कर दी है.
बीएसपी ने पहले चरण में बदले सात प्रत्याशी
बुधवार को ही बीएसपी चीफ मायावती ने यूपी चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए शेष पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया और सात सीटों पर प्रत्याशी बदले. बीएसपी ने पहले चरण के लिए कुल 12 उम्मीदवारों की घोषणा की. इसके तहत शामली- थाना भवन, मेरठ शहर, बागपत, गाजियाबाद साहिबाबाद और बुलंदशहर के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए गए. पार्टी ने शामली-थाना भवन से जहीर मलिक, मेरठ शहर मोहम्मद दिलशाद, बागपत अरुण कसाना, गाजियाबाद साहिबाबाद अजीत कुमार पाल और बुलंदशहर सीट से मोबिन कल्लू कुरैशी को प्रत्याशी घोषित किया था. जबकि पार्टी मुजफ्फरनगर-खतौली से माजिद सिद्दीकी के स्थान पर करतार सिंह भडाना, गाजियाबाद शहर से सुरेश बंसल के स्थान पर कृष्ण कुमार शुक्ला उर्फ केके, हापुड़-गढ़मुक्तेश्वर से मोहम्मद आरिफ के स्थान पर मदन चौहान को टिकट दिया. वहीं अलीगढ़ खैर (सु) से प्रेमपाल सिंह जाटव के स्थान पर चारुकेन केन, मथुरा से जगजीत चौधरी के स्थान पर सतीश कुमार शर्मा उर्फ एसके शर्मा, आगरा एत्मादपुर से सर्वेश बघेल के स्थान पर प्रभुलाल सिंह उर्फ राकेश बघेल और आगरा उत्तर से मुरारी लाल गोयल के स्थान पर शब्बीर अब्बास को टिकट दिया था.
दलित मुस्लिम और ब्राह्मण समीकरण पर बीएसपी की उम्मीद
असल में बीएसपी ने राज्य में हो रहे चुनाव में दलित, मुस्लिम के साथ ही ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश की है. दलित बीएसपी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं और 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने बीएसपी को वोट दिया और राज्य में बीएसपी ने सरकार बनाई. जिसके बाद बीएसपी का ब्राह्मणों के प्रति रूझान बढ़ा है और वह दलित-मुस्लिम- ब्राह्मण समीकरण के तहत चुनावी मैदान में है.
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