हाल ही में बीजेपी के निष्कासित किए गए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आज कांग्रेस में शामिल हो गए. हरक सिंह रावत ने हरीश रावत की मौजदूगी में कांग्रेस का दामन थामा. हरक सिंह रावत ने 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत की थी. उनके साथ उस समय नौ विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था. हाल ही में बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. जिसके बाद उनके फिर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी.
बीजेपी से निकाले जाने के बाद रावत ने रोते हुए आरोप लगाया था कि पार्टी ने उनसे बात किए बिना निकाल दिया. जिसके बाद हरक सिंह रावत के वापस पुरानी पार्टी कांग्रेस में लौटने की अटकलें लग रही थी, इसी बीच उन्होंने ये घोषणा भी की थी कि अगले महीने हो रहे चुनाव में कांग्रेस की ही जीत होगी. वहीं इन कयासों के बीच हरीश रावत ने कहा था कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो पार्टी उनका स्वागत करने के लिए तैयार है. जिसके बाद अब आज हरक ने पार्टी ज्वाइन कर ली है.
BJP में मंत्री रहते कई बार उलझे मुख्यमंत्री से
दरअसल मार्च 2016 में हरक सिंंह रावत अपनी ही सरकार से बगावत को लेकर खूब चर्चा में आए थे. तब हरक सिंंह रावत ने हरीश रावत की सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि इसके बाद उन्हें विधासनसभा सदस्यता गवानीं पड़ी, लेकिन 2017 में चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने हरक सिंह रावत को कोटद्वार सीट से चुनाव लड़ाया. जिसमें वह विजय हुए और विधायक चुने गए. इसके बाद उन्हें उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया, लेकिन इस सरकार में वह कई बार कई मामलों को लेकर त्रिवेंद्र सिंंह सरकार से उलझते नजर आए. जिसमें श्रम मंत्रालय को लेकर उनकी त्रिवेंद्र सरकार से नाराजगी रही.
जबतक साथ थे पार्टी ने दिया उचित सम्मान: CM धामी
वहीं पुष्कर सिंंह धामी के कार्यकाल में हरक सिंंह रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं दिए जाने के आरोप में कैबिनेट बैठक में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि बाद में बीजेपी ने डैमैज कंट्रोल करते हुए उनका इस्तीफा वापस ले लिया था. हालांकि इसके बाद अचानक पार्टी ने हरक को निकाल दिया. इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक को लेकर कहा कि जब तक वे हमारे साथ थे तब तक उन्हें उचित सम्मान दिया गया. जब रिपोर्ट्स सामने आईं तब पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया. सीएम धामी ने आगे कहा कि हमने अपना फैसला ले लिया है अब फैसला कांग्रेस को करना है
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