दाउ कल्याण सिंह अग्रवाल के दान से डीकेएस अस्‍पताल और एम्स रायपुर की बुनियाद

रायपुर 21 जनवरी (वेदांत समाचार)। गरीब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। इसके लिए छत्तीसगढ़ माटी पुत्र दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने देश की आजादी के पूर्व ही आज के शासकीय डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल और एम्स की नींव रख दी थी। दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने सन् 1944 में एक लाख 25 हजार रुपये की लागत से सिल्वर जुबली अस्पताल का निर्माण कराया था, जिससे गरीब मरीजों का इलाज निश्शुल्क हो सके। अस्पताल का विस्तार कर वर्तमान में यह डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल बन चुका है। जो प्रदेश का एकमात्र सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल हैं। जहां सैकड़ों गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों का शासकीय योजना के तहत निश्शुल्क इलाज कर उन्हें संजीवनी देने का काम कर रहा।

एम्स की नींव में दाऊ कल्याण का योगदानअग्रवाल समाज के पदाधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि एम्स जिस स्थान पर संचालित है। करीब 78 वर्ष पूर्व 65 एकड़ जमीन दान कर इस स्थान पर दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने अपने पिता दाऊ बसेसरनाथ बाह्यरोग आरोग्य धाम, टीबी अस्पताल बनवाया। इसके संचालन के लिए अस्पताल के नाम से ग्राम अर्जुनी में 265 एकड़ जमीन भी दान में दी। इस जमीन पर खेती के आय से अस्पताल का संचालन किया जाता था। इसी अस्पताल को बाद में बदलकर एम्स की नींव रखी गई।

दान की 1729 एकड़ जमीन पर बना है इंदिरा गांधी कृषि विविअनुराग ने बताया कि प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में आगे करने और शिक्षा के विस्तार के लिए दाउ कल्याण सिंह अग्रवाल ने कृषि महाविद्यालय बनाने के लिए 1729 एकड़ जमीन और उस समय एक लाख 12 हजार रुपये नकद दान की। जो आज इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के नाम से ना सिर्फ देश में ख्याति पा रहा है।

जनकल्याण के उद्देश्य से अपनी संपत्ति दान कर दी

राज्य स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था हर गरीब तक निश्शुल्क पहुंचे। इसके लिए दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने जनकल्याण के उद्देश्य से अपनी संपत्ति दान कर दी। उनकी दूर दृष्टि का नतीजा है कि आज राज्य के सबसे बड़े दो अस्पताल डीकेएस और एम्स अस्पताल गरीब मरीजों का सहारा बन रहा है। लेकिन विडंबना है कि उनके योगदान को शासन के साथ अस्पताल प्रबंधन ने भी भुला दिया है। मैं शासन से अपील करता हूं, शिक्षा पाठ्यक्रम में उनके योगदान को शामिल किया जाए। 

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