निर्माणाधीन स्कूल की छत गिरी, 10 से ज्यादा मजदूर हुए घायल

मध्य प्रदेश  के इंदौर (Indore) में स्थित तेजाजी नगर में गुरुवार शाम एक निर्माणाधीन स्कूल की छत गिरने से 10 से अधिक मजदूर घायल हो गए हैं. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जब ये हादसा हुआ उस समय निर्माणस्थल पर 20 मजदूर काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन स्कूल की यह छत उस समय भरभराकर गिर गई जब यहां शटरिंग का काम चल रहा था. तभी अचानक एक सिरे की शटरिंग खुल गई, और छत नीचे गिरना शुरू हो गई. जिसमें यहां काम कर रहे मजदूर उसके नीचे दब गए. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर एसडीआरएफ, पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंच गई. स्थानीय नेता और आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए.

स्थानीय लोगों ने घायलों को तुरंत नजदीक के अस्पतालों में पहुंचाया. हालांकि इस हादसे में किसी भी मजदूर को ज्यादा चोटें नहीं आई हैं. पुलिस के मुताबिक हादसे के कारणो की जांच की जा रही है. पुलिस की माने तो घटना कृपालघाटी के पास की है. यहां रात करीब 8 बजे थाने पर सूचना मिली थी कि उमरीखेडा गांव में सन्मति स्कूल का निर्माण का काम चल रहा था. मौके पर मौजूद लोगों की माने तो यहां करीब 3 हजार वर्ग फीट के लगभग छत ओर बीम कॉलम डालने का काम मजदूर कर रहे थे. इस दौरान अचानक एक तरफ से छत की शटरिंग खुलना शुरू हो गई. जिसमें वहां काम कर रहे कुछ मजदूर नीचे दब गए. जबकि कुछ मलबे के साथ छत से नीचे आ गिरे. फिलहाल इस घटना में घायल मजदूरों का इलाज अस्पताल में जारी है.

स्कूल की जमीन पर दंबग ने किया कब्जा

श्योपुर में सरकारी स्कूल की जमीन को एक दबंग से पूरा प्रशासन 23 साल में खाली नहीं करवा पाया है. स्कूल के पुराने भवन को ढहाकर दबंग ने सरकारी जमीन पर अपने मवेशी बांध रखे हैं. ऐसे में दो दशक से स्कूल के बच्चे एक पेड़ के नीचे पढ़ रहे हैं. जब बारिश होती हैं या तेज धूप खिलती है तो शिक्षक और बच्चों को उठकर मवेशी के तबेले में बैठना पड़ता है. इन दिनों भी स्कूल मवेशियों के बीच एक झोपड़ी में चल रहा है.

मवेशियों के तबेले में ही बच्चे मध्यान भोजन करते हैं. प्रशासन की नाकामी बताने वाला यह मामला श्योपुर से 19 किमी दूर जावदेश्वर ग्राम पंचायत के चौपना गांव का है. यहां बता दें, कि पिछले 23 साल से गांव के प्राइमरी स्कूल में जो भी बच्चा आया उसे पेड़ के नीचे या फिर मवेशी के तबेले में बैठकर पढ़ना पड़ा है.